Johar Live Desk : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को एक झटका लगा जब उसका महत्वाकांक्षी PSLV-C61 मिशन तकनीकी खामी के चलते असफल रहा. इस रॉकेट के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-09 को सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (SSPO) में स्थापित किया जाना था, लेकिन तीसरे चरण के संचालन के दौरान आई तकनीकी समस्या के कारण मिशन को बीच में ही रोकना पड़ा.
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLV-C61, which carries the EOS-09 (Earth Observation Satellite-09) into a SSPO orbit, from Sriharikota, Andhra Pradesh.
EOS-09 is a repeat satellite of EOS-04, designed with the mission objective to ensure remote… pic.twitter.com/KpJ52Wge0w
— ANI (@ANI) May 18, 2025
यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 5:59 बजे किया गया था. मिशन की 22 घंटे की उलटी गिनती शनिवार सुबह 7:59 बजे शुरू हुई थी. यह PSLV सीरीज का 63वां मिशन था और EOS-09 इसरो का 101वां पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था.
ISRO प्रमुख ने दी जानकारी
ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने प्रक्षेपण के बाद बयान में कहा, “PSLV-C61 मिशन के तीसरे चरण के दौरान समस्या उत्पन्न हुई. वैज्ञानिक इसकी जांच कर रहे हैं और डाटा का गहन विश्लेषण किया जा रहा है. मिशन फिलहाल पूरा नहीं हो सका है. हम जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा करेंगे.”
#WATCH | Sriharikota, Andhra Pradesh | On the launch of PSLV-C61, ISRO Chief V Narayanan says, “…During the functioning of the third stage, we are seeing an observation and the mission could not be accomplished. After analysis, we shall come back…”
(Source: ISRO YouTube) pic.twitter.com/XvPpo7dfbn
— ANI (@ANI) May 18, 2025
उपग्रह की थी अहम भूमिका
करीब 1,696 किलोग्राम वजनी EOS-09 उपग्रह को केवल 17 मिनट की उड़ान में निर्धारित कक्षा में स्थापित किया जाना था. यह उपग्रह हर मौसम में पृथ्वी की सतह की स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है. इसका इस्तेमाल कृषि, वानिकी निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाना था.
#WATCH | Sriharikota, Andhra Pradesh | ISRO to launch PSLV-C61 vehicle at 5:59 am from First Launch Pad (FLP), Satish Dhawan Space Centre.
It will carry the EOS-09 (Earth Observation Satellite-09) into an SSPO orbit. EOS-09 is a repeat satellite of EOS-04, designed with the… pic.twitter.com/4cSH1tTVjz
— ANI (@ANI) May 17, 2025
पांच वर्षों की मिशन अवधि
ISRO के अनुसार इस उपग्रह की मिशन अवधि पांच वर्ष निर्धारित की गई थी. साथ ही, मिशन के अंत में इसे कक्षा से सुरक्षित तरीके से हटाने के लिए पर्याप्त ईंधन आरक्षित किया गया था, जिससे अंतरिक्ष मलबा कम करने में मदद मिल सके. अब सभी की नजर ISRO द्वारा जारी की जाने वाली विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट पर है, जिसमें इस विफलता के कारणों और आगे की योजना का खुलासा किया जाएगा.
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