Gumla : गुमला जिले के चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक बार फिर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। एंबुलेंस महीं मिलने के कारण गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की मौत हो गई। करीब ढाई घंटे तक मरीज अस्पताल में तड़पता रहा, लेकिन न तो एंबुलेंस आई और न ही अस्पताल प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया।
रौशनपुर में विक्षिप्त युवक ने किया हमला
मिली जानकारी के अनुसार, घटना जारी थाना क्षेत्र के रौशनपुर गांव की है। 55 वर्षीय अलबन तिर्की, पिता स्व. जोसेफ तिर्की, पर एक कथित रूप से विक्षिप्त युवक प्रदीप खलखो ने कोड़ी (लकड़ी की लाठी) से सिर पर वार कर दिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को चैनपुर सीएचसी में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने रेफर किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं
अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायल को गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण मरीज को नहीं भेजा जा सका। परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा पर कई बार फोन किया, लेकिन हर बार यही जवाब मिला — “नजदीकी कोई वाहन उपलब्ध नहीं है।” करीब ढाई घंटे तक अलबन तिर्की अस्पताल में तड़पते रहे। अंततः जब घाघरा से एंबुलेंस पहुंची, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

एसईएमओ मौजूद थे, फिर भी नहीं मिली सहायता
घटना के वक्त अस्पताल में एसईएमओ डॉ. धनुराज सुब्रह्मरु मौजूद थे। वे पहले से ही अस्पताल में अवैध वसूली प्रकरण की जांच के लिए पहुंचे थे। ग्रामीणों ने उन्हें भी घटना की जानकारी दी, लेकिन आरोप है कि उन्होंने कोई पहल नहीं की। ग्रामीणों ने सवाल उठाया — “जब अस्पताल में वाहन खड़ा था, तो मरीज को उसी गाड़ी से क्यों नहीं भेजा गया?” अस्पताल कर्मी और अधिकारी सिर्फ कागजी प्रक्रिया में उलझे रहे, जबकि मरीज एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ता रहा।
ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इस दर्दनाक घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि चैनपुर सीएचसी में अनियमितता और वसूली के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस सुधार नहीं किया गया।
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