Johar Live Desk : हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 153.18 अंक गिरकर 84,403.22 पर और एनएसई का निफ्टी 51.1 अंक गिरकर 25,840.30 पर खुला। गुरुवार को बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए थे। हालांकि, शुक्रवार को वैश्विक संकेतों और तेल की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया।
वैश्विक बाजारों का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगले सप्ताह संभावित मुलाकात की खबरों से एशियाई बाजारों में तेजी देखी गई। लेकिन अमेरिका द्वारा चीन के साथ 2020 के व्यापार समझौते की नई जांच शुरू करने और रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की खबरों से भारतीय बाजारों पर दबाव बढ़ा।
रुपये में मामूली मजबूती
शुक्रवार को घरेलू मुद्रा में थोड़ी मजबूती देखने को मिली। भारतीय रुपया 5 पैसे बढ़कर 87.79 प्रति डॉलर पर खुला, जबकि गुरुवार को यह 87.84 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

प्रमुख सूचकांकों की स्थिति
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स लगभग 113 अंक (0.13%) गिरकर 84,443 पर और निफ्टी 27 अंक (0.10%) गिरकर 25,866 पर कारोबार कर रहा था।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी में अभी भी तेजी का रुझान कायम है। उनका मानना है कि निफ्टी 25,700-25,750 के ऊपर मजबूती से बना हुआ है, जबकि तत्काल प्रतिरोध 25,950 पर है। आगे के ऊपरी लक्ष्य 26,000 और 26,100 रहेंगे।
उन्होंने कहा कि “जब तक निफ्टी 25,780 से ऊपर है, तब तक समग्र रुझान सकारात्मक रहेगा।”
गिरावट वाले शेयर
हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन, पावर ग्रिड, आईटीसी, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसे दिग्गज शेयरों में 3.5% तक की गिरावट दर्ज की गई।
बढ़त वाले शेयर
वहीं, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे शेयरों में खरीदारी देखने को मिली, जिससे बाजार की गिरावट सीमित रही।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- मेटल शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही — निफ्टी मेटल इंडेक्स 1% चढ़ा।
- रियल्टी और वित्तीय सेवा सूचकांकों में भी मामूली बढ़त दर्ज की गई।
- एफएमसीजी शेयरों पर दबाव देखने को मिला, जिससे निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 1.4% गिरकर दिन का सबसे कमजोर सेक्टर बन गया।
विशेषज्ञों की सलाह
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि मौजूदा समय में अस्थिरता बढ़ी हुई है, इसलिए ट्रेडर्स को “गिरावट पर खरीदारी (Buy on Dips)” की रणनीति अपनाने के साथ सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि तेजी के दौर में आंशिक मुनाफावसूली करना और सख्त ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस बनाए रखना जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी है।
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