Johar Live Desk : भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर 25 अगस्त से होने वाली बातचीत अब टलने की संभावना है। यह छठा दौर की वार्ता होनी थी, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा अब पुनर्निर्धारित की जा सकती है।
वार्ता में रुकावट की वजह है अमेरिका की यह मांग कि भारत कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में उसे व्यापक बाजार पहुंच दे। भारत ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। सरकार का कहना है कि यह देश के छोटे किसानों और पशुपालकों की आजीविका पर सीधा असर डालेगा, जिसे मंज़ूर नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो टूक कहा, “हमारे किसानों के हित सर्वोपरि हैं। चाहे इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े, हम उनके साथ खड़े रहेंगे।”
उधर, अमेरिका ने 7 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 से 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लागू कर दिया है। इसके साथ ही रूस से तेल और रक्षा उपकरण खरीदने पर भारत को 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क चुकाना होगा।
हालांकि दोनों देश 2025 के अंत तक इस व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने की योजना बना चुके हैं और 2030 तक आपसी व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच अमेरिका को भारत का निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर हो गया है, जबकि आयात भी 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर पहुंच गया। अमेरिका इस अवधि में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा