New Delhi : भारत और इंग्लैंड के बीच ऐतिहासिक टेस्ट प्रतिद्वंद्विता को अब एक नई पहचान मिल गई है। आगामी श्रृंखला से यह प्रतिष्ठित मुकाबला “एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी” के नाम से जाना जाएगा। इसका औपचारिक ऐलान इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने संयुक्त रूप से किया है। यह ट्रॉफी भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम पर रखी गई है। दोनों खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपने अद्वितीय योगदान से इस फॉर्मेट को रोमांचक बनाया।
लॉर्ड्स में होगा ट्रॉफी का अनावरण
11 जून 2025 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के दौरान सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन स्वयं इस ट्रॉफी का अनावरण करेंगे। इसके बाद 20 जून से लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से इसका पहला संस्करण खेला जाएगा।
क्रिकेट इतिहास के दो स्तंभ
- सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल लंबे करियर में 200 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 15,921 रन, 51 शतक और 68 अर्धशतक बनाए। उन्हें टेस्ट क्रिकेट का ‘भगवान’ कहा जाता है।
- जेम्स एंडरसन, जिन्होंने जुलाई 2024 में संन्यास लिया, ने 188 टेस्ट मैचों में 704 विकेट चटकाए। वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं।
पुरानी ट्रॉफियों की जगह लेगी नई ट्रॉफी
अब तक भारत और इंग्लैंड के बीच दो अलग-अलग ट्रॉफियों के लिए खेला जाता था :
- पटौदी ट्रॉफी : इंग्लैंड में खेली जाने वाली सीरीज के लिए
- एंथनी डी मेलो ट्रॉफी : भारत में खेली जाने वाली सीरीज के लिए
अब इन दोनों की जगह एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी एकीकृत स्वरूप में दी जाएगी, जिससे श्रृंखला को स्थायित्व और एक विशिष्ट पहचान मिलेगी।
ट्रॉफियों के नामकरण का नया चलन
यह निर्णय टेस्ट क्रिकेट में एक नए चलन का हिस्सा है, जिसमें श्रृंखलाओं को महान खिलाड़ियों के नाम पर समर्पित किया जा रहा है। हाल ही में नवंबर 2024 में इंग्लैंड-न्यूजीलैंड सीरीज को क्रो-थोरपे ट्रॉफी नाम दिया गया, जो मार्टिन क्रो और ग्राहम थोर्पे को समर्पित है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले से ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली जाती है।
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