Joharlive Desk
नई दिल्ली। भारतीय और चीनी सेनाओं ने तनाव को कम करने के प्रयासों में पूर्वी लद्दाख में एक और दौर की वार्ता की। हालांकि, सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों द्वारा पिछले हफ्ते बनी टकराव की स्थिति के बाद अतिरिक्त सैनिकों तथा हथियारों को पहुंचाने के कारण स्थिति नाजुक बनी हुई है।
सूत्रों ने कहा कि चुशूल के पास करीब चार घंटे तक चली ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अत्यधिक उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है और इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।
सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में कुल मिलाकर हालात नाजुक बने हुए हैं। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 अगस्त और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।
भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई ऊंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। चीन की घुसपैठ की कोशिश के मद्देनजर भारत ने अतिरिक्त जवानों को भेजा है और संवेदनशील इलाकों में हथियारों की तैनाती की है।
सेना ने उठाया अपहरण का मुद्दा
अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लोगों का ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण कर लिए जाने की सूचना मिलने के बाद अब भारतीय थल सेना ने इस मुद्दे को चीनी सेना के समक्ष उठाया है। सैन्य सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार इलाके में तैनात थल सेना की इकाई ने पीएलए की संबद्ध इकाई को कथित अपहरण के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिये हॉटलाइन पर संदेश भेजे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के पांच लोगों के अपहरण की खबर ऐसे वक्त आई है, जब भारतीय थल सेना ने पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मद्देनजर 3,400 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग ईरिंग ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर सुबासिरी जिले के पांच लोगों के अगवा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने केंद्र सरकार से नागरिकों को छुड़ाने का अनुरोध भी किया।