Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    15 Jun, 2025 ♦ 5:22 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»टेक्नोलॉजी»भारत-अमेरिका साथ मिलकर बनाएगा परमाणु रिएक्टर, डील को मिली मंजूरी
    टेक्नोलॉजी

    भारत-अमेरिका साथ मिलकर बनाएगा परमाणु रिएक्टर, डील को मिली मंजूरी

    Sandhya KumariBy Sandhya KumariApril 1, 2025No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    SMR
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    New Delhi : भारत और अमेरिका के बीच 2007 में हुए सिविल न्यूक्लियर डील को आखिरकार 18 साल बाद अमेरिकी प्रशासन की मंजूरी मिल गई है. इस निर्णय से भारत में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को नई गति मिलेगी और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाएगा.

    बता दें कि अमेरिका के ऊर्जा विभाग (DoE) ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर न्यूक्लियर पावर प्लांट डिजाइन और निर्माण की अंतिम मंजूरी प्रदान की है. अब तक, भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर समझौते के तहत अमेरिका भारत को परमाणु रिएक्टर और संबंधित उपकरण निर्यात कर सकता था, लेकिन भारत में न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के डिजाइन और निर्माण की अनुमति नहीं थी. इस नई मंजूरी के साथ, भारत में अब रिएक्टर निर्माण और तकनीकी हस्तांतरण संभव होगा.

    स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) का संयुक्त निर्माण

    अमेरिकी सरकार ने होल्टेक इंटरनेशनल नामक कंपनी को US न्यूक्लियर एनर्जी एक्ट 1954 के तहत भारत में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तकनीक के हस्तांतरण की मंजूरी दी है. इस पहल में तीन भारतीय कंपनियां – लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड और होल्टेक एशिया शामिल हैं.

    SMR का निर्माण भारत और अमेरिका के सहयोग से किया जाएगा, और इसके प्रमुख घटकों का सह-निर्माण भी भारत में किया जाएगा. हालांकि, अमेरिकी सरकार ने यह शर्त रखी है कि इन रिएक्टरों को अमेरिका या भारत के अलावा किसी अन्य देश में स्थानांतरित करने के लिए अमेरिकी प्रशासन की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी.

    भारत को प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर निर्माण की मिलेगी तकनीक

    भारत के पास वर्तमान में 220MWe क्षमता वाले प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) विकसित करने की विशेषज्ञता है, लेकिन इस समझौते के तहत भारत को उच्च तकनीक वाले प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर (PWR) निर्माण की तकनीक भी मिलेगी. वैश्विक स्तर पर अधिकतर परमाणु रिएक्टर इसी तकनीक पर आधारित होते हैं.

    स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट से भारत को होंगे ये लाभ

    भारत कई कारणों से छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट (SMR) विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है:

    पर्यावरणीय लाभ: SMR कोयला-आधारित बिजली उत्पादन की तुलना में सात गुना कम कार्बन उत्सर्जन करता है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा.

    डिजाइन और निर्माण में सरलता: SMR का निर्माण पारंपरिक बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स की तुलना में अधिक आसान और कम खर्चीला होता है.

    लचीली तैनाती: SMR को पारंपरिक बिजली ग्रिड से जोड़ा जा सकता है, जिससे इनके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत नहीं होती.

    जमीन अधिग्रहण में आसानी: भारत में बड़े परमाणु संयंत्रों के लिए जमीन अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती है. SMR को जहाज या बड़े वाहनों पर भी स्थापित किया जा सकता है.

    ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद: 2050 तक भारत में बिजली की मांग 80% से 150% तक बढ़ने की संभावना है. SMR के जरिए कंपनियां और शहर अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को स्वयं पूरा कर सकते हैं.

    वैश्विक सहयोग: रूस ने भी भारत को SMR तकनीक में सहायता देने की पेशकश की है, जिससे भारत को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में और मजबूती मिलेगी.

    SMR की जरूरत क्यों?

    बड़े परमाणु रिएक्टरों की तुलना में छोटे रिएक्टर अधिक सुरक्षित माने जाते हैं. बड़े रिएक्टरों में उच्च मात्रा में रेडियोएक्टिव पदार्थ उत्पन्न होता है, जिसे नियंत्रित करना कठिन होता है. SMR में यह खतरा काफी कम होता है और इन्हें आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.

    चेर्नोबिल हादसे से मिली सीख

    1986 में सोवियत संघ के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में हुई दुर्घटना दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी. टेस्टिंग के दौरान, न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया नियंत्रण से बाहर हो गई और रिएक्टर में विस्फोट हो गया.

    इस दुर्घटना का प्रभाव पूरे यूरोप में महसूस किया गया और रेडिएशन से 4,000 से अधिक लोगों की मौत हुई. चेर्नोबिल हादसे के बाद यह स्पष्ट हो गया कि बड़े परमाणु संयंत्रों को नियंत्रित करना जोखिम भरा हो सकता है. SMR इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है.

    Also Read : APRIL FOOL’S DAY : मजाक और हंसी का दिन, जानिए इसकी दिलचस्प शुरुआत और इतिहास

    2007 construction approval Department of Energy (DoE) energy sector advancement energy security India-US civil nuclear deal India-US nuclear agreement nuclear energy production nuclear power plant design nuclear reactor export nuclear technology reactor construction technology transfer US approval अमेरिकी मंजूरी ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति ऊर्जा विभाग (DoE) ऊर्जा सुरक्षा तकनीकी हस्तांतरण निर्माण मंजूरी परमाणु ऊर्जा उत्पादन परमाणु तकनीक परमाणु पावर प्लांट डिजाइन परमाणु रिएक्टर निर्यात भारत-अमेरिका परमाणु समझौता भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील रिएक्टर निर्माण
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleसाहिबगंज में दो मालगाड़ियों की भीषण टक्कर, 2 की मौ’त 4 घायल
    Next Article LSG vs PBKS : आज लखनऊ के इकाना में होगा मुकाबला, जानें संभावित प्लेइंग 11

    Related Posts

    झारखंड

    भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते हार गए सुखलाल महतो : विधायक जयराम महतो

    June 15, 2025
    देश

    पूर्व CM विजय रूपाणी के DNA का हुआ मिलान, कल राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

    June 15, 2025
    ट्रेंडिंग

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025
    Latest Posts

    भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते हार गए सुखलाल महतो : विधायक जयराम महतो

    June 15, 2025

    पूर्व CM विजय रूपाणी के DNA का हुआ मिलान, कल राजकोट में होगा अंतिम संस्कार

    June 15, 2025

    पुलिस पर वार करने वालों की निकली गयी हेकड़ी

    June 15, 2025

    जब तक समाज लोकतंत्र में पूरी भागीदारी नहीं करेगा, उनके अधिकार अधूरे रहेंगे : केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

    June 15, 2025

    काशी कॉरिडोर के रेड जोन में नजर आए तेजप्रताप यादव, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

    June 15, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.