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    Home»जोहार ब्रेकिंग»झारखंड के 10 सीटों पर जीत रहा इंडी गठबंधन, कांग्रेस को सबसे अधिक 6 सीटें, भाजपा 4 में सिमटेगी
    जोहार ब्रेकिंग

    झारखंड के 10 सीटों पर जीत रहा इंडी गठबंधन, कांग्रेस को सबसे अधिक 6 सीटें, भाजपा 4 में सिमटेगी

    Team JoharBy Team JoharJune 2, 2024No Comments7 Mins Read
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    • दुमका, चतरा, जमशेदपुर और कोडरमा लोकसभा सीट से भाजपा की जीत पक्की
    • गोड्डा, धनबाद, खूंटी, हजारीबाग, लोहरदगा और रांची में मुरझायेगा कमल, खिलेगा हाथ
    • पलामू लोकसभा सीट में होगा तख्ता पलट, वीडी राम को हराकर सांसद बनेंगी ममता

    रांची: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद चुनावी सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल के नतीजे जारी किये. तमाम एक्जिट पोल में झारखंड में भाजपा एकतरफा जीत दर्ज करती दिख रही है. एक्जिट पोल में राज्य में इंडी गठबंधन को 2 या तीन सीट से अधिक नहीं मिल रहा है. जोहार लाइव राज्य के सभी लोकसभा सीटों के विधानसभा क्षेत्रों के वोटरों के मिजाज, राजनीतिक पंडितों और अपने सर्वेक्षण के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि इस बार झारखंड में भाजपा को बड़ा नुकसान होने जा रहा है. झारखंड में एनडीए के मुश्किल से 4 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि इंडी गठबंधन 10 सीटों पर जीतता नजर आ रहा है. भाजपा दुमका, चतरा, जमशेदपुर और कोडरमा लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हो सकती है, जबकि इंडी गठबंधन के तहत सबसे अधिक 6 सीटों से यहां कांग्रेस की जीत दिख रही है. गोड्डा, धनबाद, खूंटी, हजारीबाग, लोहरदगा और रांची लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाती नजर आ रही है. वहीं झामुमो 3 सीटों पर कब्जा जमा सकता है. इसमें राजमहल, सिंहभूम और गिरिडीह सीट शामिल है. राजद एक सीट जीतती दिख रही है. राजद की ममता इस बार वहां तख्ता पलट कर सकती हैं.

    किसे मिलती दिख रही कितनी सीट

    पार्टी सीटें
    भाजपा 4
    कांग्रेस 6
    झामुमो 3
    राजद 1

    राजमहल लोकसभा

    भाजपा को संथाल और कोल्हान प्रमंडल के लोकसभा सीटों पर इस बार बड़ा नुकसान झेलना होगा. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मामले को इंडी गठबंधन ने चुनाव में अच्छी तरह भुनाया है. आदिवासी समुदाय के बीच हेमंत सोरेन की छवि हीरो और भाजपा की छवि विलेन की बनाने में इंडी गठबंधन कामयाब रही है. वैसे राजमहल लोकसभा सीट झामुमो की सीटिंग सीट है. 2 बार से यहां झामुमो चुनाव जीतती आ रही है. विजय हांसदा ने अपने सांसद फंड से राजमहल लोकसभा क्षेत्र के लिए कई काम कर लोगों का दिल फिर से जीता है. भाजपा के ताला मरांडी को जो वोट मिलने वाले थे वो भी भीतरघात की वजह से कट गये हैं.

    दुमका लोकसभा

    दुमका लोकसभा में इंडी गठबंधन के उम्मीदवार नलिन सोरेन और भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन के बीच कांटे की टक्कर है. सीता सोरेन नलिन पर भारी पड़ी हैं. सीता सोरेन को दुर्गा सोरेन के नाम पर खूब सहानुभूति वोट मिले हैं. चुनाव से पहले झामुमो छोड़ भाजपा में जाने के बाद उन्होंने सोरेन परिवार पर जो उपेक्षा का आरोप लगाया उसके वजह से भी उन्हें वोट मिले हैं.

    गोड्डा लोकसभा

    गोड्डा लोकसभा सीट से निशिकांत दुबे तीन बार सांसद बन चुके हैं, लेकिन इस बार उनका ओवर कॉन्फिडेंस और बेबाकी उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है. निशिकांत ने गोड्डा के विकास के लिए कई काम किये, लेकिन इस बार इंडी गठबंधन ने उन्हें चौतरफा घेरा है. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने भी उनके लिए कई चुनाव प्रचार किया. हेमंत सोरेन के नाम पर मतदाताओं की भावनाओं को कुरेद कर वहां निशिकांत को कमजोर कर दिया.

    धनबाद लोकसभा

    धनबाद लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी ढुल्लू महतो पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह भारी पड़ी हैं. एक तरफ ढुल्लू पर भ्रष्टाचार और अपराध के आरोप और दूसरी तरफ शिक्षा और विकास के नाम पर वोट मांगने वाली अनुपमा सिंह. जमशेदपुर विधायक सरयू राय के साथ-साथ धनबाद विधायक राज सिन्हा समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं ने ढुल्लू महतो को भारी नुकसान पहुंचाया है. ढुल्लू धनबाद से हार रहे हैं.

    गिरिडीह लोकसभा

    गिरिडीह में इंडी गठबंधन के प्रत्याशी मथुरा महतो सीटिंग सांसद और आजसू प्रत्याशी सीपी चौधरी और निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो को पटकनी दे रहे हैं. सीपी चौधरी से जनता पहले से ही नाराज है. वे यहां बुरी तरह हारने वाले हैं. जयराम महतो मजबूती के साथ उभरे थे, लेकिन चुनाव से पहले ऐसे समीकरण बने की जयराम की स्थिति कमजोर पड़ गई. उनके कई साथी भी उन्हें चुनाव से पहले छोड़कर चले गये.

    हजारीबाग लोकसभा

    हजारीबाग लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जेपी पटेल भाजपा के मनीष जायसवाल को हराने में कामयाब हो सकते हैं. हजारीबाग लोकसभा के 6 विधानसभा सीटों में कुर्मी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. जेपी कुर्मी वोटरों को साधने में सफल रहे हैं. भाजपा से कांग्रेस में जाने के बाद उनके पिता स्वर्गीय टेकलाल महतो के समर्थकों का भी उन्हें पूरा सपोर्ट मिला है, वहीं मनीष जायसवाल सिर्फ हजारीबाग लोकसभा सीट पर अच्छी पकड़ बनाने में सफल रहे हैं. बाकी के 5 विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरण के तिलिस्म को वो नहीं तोड़ पाये. जयंत सिन्हा का टिकट कटने के कारण भीतरघात से भी उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है.

    कोडरमा लोकसभा

    कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा अपना किला बचाने में कामयाब रहेगी. यहां इंडी गठबंधन में दरार की वजह से उसे नुकसान हो रहा है. इंडी गठबंधन ने यह सीट भाकपा माले को दे तो दिया, लेकिन माले के बिनोद सिंह को गंठबंधन दल के नेताओं से बहुत सपोर्ट नहीं मिला. उधर झामुमो से बगावत कर जयप्रकाश वर्मा ने चुनाव लड़कर बिनोद सिंह के वोट काट दिये. कोडरमा की जनता अन्नपूर्णा से खुश नहीं है, लेकिन बाबूलाल मरांडी और भाजपा का जनाधार उनकी नैया पार लगा रही है.

    चतरा लोकसभा

    चतरा लोकसभा सीट भाजपा के खाते में जा रही है. यहां पहली बार स्थानीय व्यक्ति को टिकट देने के भाजपा के फैसले ने उसे बचा लिया. भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह कांग्रेस के केएन त्रिपाठी पर भारी पड़ रहे हैं. एक तो बाहरी-भीतरी के खेल में त्रिपाठी को यहां नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ वहां इंडी गठबंधन में शामिल दलों के भीतरघात के कारण वे हार रहे हैं.

    रांची लोकसभा

    रांची लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी संजय सेठ पर कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय भारी पड़ रही हैं. संजय सेठ को सिल्ली, खिजरी और ईचागढ़ विधानसभा के वोटर संजय सेठ से काफी नाराज हैं. उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान कई बार फजीहत भी झेलनी पड़ी थी. वहीं यशश्विनी सहाय ने मुस्लिम, कुर्मी और आदिवासी वोटरों पर अपना दबदबा बनाये रखा.

    खूंटी लोकसभा

    खूंटी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी अर्जुन मुंडा पर कांग्रेस के कालीचरण मुंडा इस बार भारी पड़ रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंडा कालीचरण से महज 1400 वोट से ही चुनाव जीत पाये थे. इस बार कालीचरण ने पूरी तैयारी से मुंडा की घेराबंदी की है. मुंडा वोटरों के साथ मिशनरी वोटरों ने भी कालीचरण का साथ दिया है. इस बार खूंटी से जीतना मुंडा के लिए काफी मुश्किल है.

    लोहरदगा लोकसभा

    लोहरदगा में इस बार कांग्रेस का परचम लहरा सकता है. कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत ने पूरी तैयारी के साथ भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को घेरा है. समीर उरांव को लोहरदगा जिले के 3 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं का सपोर्ट मिला है, लेकिन मांडर और लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र उन्हें काफी नुकसान पहुंचा रहा है. पूर्व सांसद सुदर्शन भगत के कारण भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.

    सिंहभूम लोकसभा

    सिंहभूम लोकसभा में कमल खिलाने के लिए कांग्रेस से इम्पोर्ट की गई गीता कोड़ा भी चुनाव हार रही हैं. यहां झामुमो से उम्मीदवार जोबा मांझी उनपर भारी पड़ रही हैं. गीता कोड़ा से पहले ही मतदाता नाराज हैं. बाकी रही सही कसर भाजपा के नेताओं ने भीतरघात कर पूरी कर दी है. टिकट के आधा दर्जन दावेदारों को दरकिनार कर भाजपा ने गीता कोड़ा को टिकट दिया था.

    पलामू लोकसभा

    पलामू लोकसभा सीट से राजद की ममता भुईंया इस बार वहां तख्ता पलट कर रही हैं. 2014 और 2019 में भाजपा से सांसद रहे वीडी राम भाजपा के भीतरघात और वोटरों की नाराजगी के कारण चुनाव हार सकते हैं. चुनाव से पहले टिकट की आस में राजद से भाजपा में गये घूरन राम को टिकट नहीं मिलने से भी कई जगहों पर भीतरघात हुआ है. इसका सीधा फायदा युवा और तेज तर्रार प्रत्याशी ममता भुईंया को मिलता दिख रहा है.

    जमशेदपुर लोकसभा

    जमशेदपुर लोकसभा सीट से भाजपा इस बार भी चुनाव जीत रही है. इंडी गठबंधन ने प्रत्याशी के चयन में हड़बड़ी कर दी इस वजह से वहां इंडी को नुकसान होगा. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए ठीक थे, उनपर लोकसभा की जिम्मेदारी डालकर झामुमो ने शायद गलत फैसला ले लिया है.

    इंडी गठबंधन एनडीए कांग्रेस झारखंड भाजपा राजनीति लोकसभा चुनाव सीटें
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