New Delhi : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में संशोधित आयकर विधेयक 2025 पेश किया। यह विधेयक पहले फरवरी में पेश किया गया था और फिर संसदीय सेलेक्ट कमेटी को समीक्षा के लिए भेजा गया था। कमेटी ने 21 जुलाई को अपनी 285 सिफारिशें दी थीं, जिनमें से ज्यादातर को इस बिल में शामिल कर लिया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि यह नया विधेयक 1961 से लागू पुराने आयकर कानून की जगह लेगा और आयकर कानूनों को सरल और आधुनिक बनाने का प्रयास करेगा।
क्या टैक्स दरें बदलेंगी?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस विधेयक का उद्देश्य टैक्स दरों में कोई बदलाव करना नहीं है, बल्कि भाषा को आसान बनाना और पुराने प्रावधानों को हटाना है।
मुख्य बदलाव और सुझाव
- डिजिटल टैक्सेशन और तकनीकी डेटा आधारित टैक्स कलेक्शन पर ज़ोर
- देरी से रिटर्न दाखिल करने पर भी छोटे टैक्सपेयर्स को रिफंड
- ‘एनपीए’ और ‘मूल कंपनी’ की परिभाषा में स्पष्टता
- NGO और ट्रस्टों की टैक्स छूट अनॉनिमस दान से प्रभावित नहीं होगी
- ‘जीरो टैक्स कटौती प्रमाणपत्र’ जैसे प्रावधान
- गलती से अनुपालन न करने पर दंड में छूट
सरकार का कहना है कि यह नया कानून करदाताओं के लिए अधिक पारदर्शिता और सुविधा लाएगा।