Bokaro (Manoj Sharma) : काला हीरा (कोयला) के अवैध कारोबार का धंधा इन दिनों रात के अंधेरे में जमकर हो रहा है। बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से अवैध कोयले की जमकर ढुलाई हो रही है। यह पूरा खेल रात के अंधेरे से शुरु होकर सुबह के उजाले से पहले समाप्त हो जा रहा है। राहगीरों को अवैध कोयले की गाड़ी हर दिन दिख जाती है, लेकिन पुलिस के आंखों पर काला अंधेरा छाया हुआ है। जी हां, पुलिस की नाक के नीचे से करोड़ों का खेल रातभर में हो रहा, लेकिन जिला के अधिकारी से लेकर थाना स्तर के पदाधिकारी मदमस्त होकर चैन् की नींद फरमा रहे। यह माजरा बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल का है। ऑपरेशन “कोयला” को अंजाम देने से पूर्व हर जगहों पर तस्करों के गुर्गें चौकस रहते है। दामोदर नदी किनारे पूरी मंडी सजती है, लेकिन इसको देखने का अधिकारी किसी को नहीं। पूरा खेल संगठित होकर संचालित हो रहा है।
ऑपरेशन “काला हीरा” में हर गाड़ियों से 50 हजार की वसूली, बंटी-पिंकू व तिवारी-विकास की जोड़ियां संभाल रहीं गोरख धंधे को… देखें बोकारो का वीडियो#OperationKalaHeera #IllegalExtortion #BokaroNews #ExtortionRacket #ExtortionScam #JharkhandNews #TransportMafia pic.twitter.com/jrPaAvb0BR
— Johar Live (@joharliveonweb) August 24, 2025
रात के अंधेरे में शुरु होता है यह खेल
बेरमो थाना के एक पुलिसकर्मी का कहना है कि रात के ठीक 9.30 बजे कोयला तस्करों का ‘ऑपरेशन’ शुरू हो जाता है। पिकअप वैन कोयला लोड करने के लिए तैयार हो जाती हैं और पूरी रात यह गाड़ियां दो-दो चक्कर लगाकर कोयला पहुंचाती हैं। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए हर वैन से महीने 50 हजार रुपये की वसूली होती है। जिसमें यह पैसा ऊपर से नीचे तक पहुंचता है। माफियाओं द्वारा यह सारा कोयला पेंक-नारायणपुर के रामा हरिया स्थित जगदम्बा कोल फैक्ट्री और नावाडीह के चिरुडीह में रूबी कोल फैक्ट्री में पहुंचाया जाता है।
बंटी-पिंटू और तिवारी-विकास की जोड़ियां संभाल रहीं गोरखधंधे को
कोयले की इस काली दुनिया में कई ‘गैंग सक्रिय हैं। धनबाद के झरिया से बंटी-पिंटू की जोड़ी रामा हरिया की कोल फैक्ट्री को संभाल रही है, जबकि बोरिया से कोयला तस्करी का जिम्मा रांची के तिवारी और विकास की जोड़ी ने उठा रखा है। वहीं, पेटरवार का खेतको इलाका तो इस अवैध कारोबार का गढ़ बन चुका है। यहां दामोदर नदी पुल के पास अवैध कोयले के बाजार सजाए जाते हैं, जहां से ट्रकों के जरिए कोयला आगे भेजा जाता है। वर्तमान में रिंकू नाम का एक कारोबारी खेतको से ट्रकों द्वारा धंधा चालू रखे हुए है।
अवैध कोयले की गाड़ियों पर पुलिस की पैनी नजर
अवैध कारोबार के इस खेल पर बोकारो पुलिस की पैनी नजर है। रात्रि गश्ती में चलने वाली पेट्रोलिंग गाड़ी इन गाड़ियों पर नजर बनाये है। वहीं, कोयले में चलनी वाली सभी गाड़ियों को सख्त निर्देश है कि किसी भी किमत पर कोयला बोकारो जिला से बाहर हजारीबाग या गिरिडीह नहीं जा सकती है। जबकि, छोटे वाहनों में पिकअप वैनों द्वारा कोयला ढुलाई का काम पेटरवार के खेतको, गांधी नगर के जरीडीह बस्ती, बेरमो और बोकारो थर्मल के जारंगडीह, बोरिया बस्ती तथा कथारा ओपी के असनापानी, पेंक नारायणपुर के बुटवरिया, लहिया, पलामू, पिलपिलो, सोता पानी जंगल से होता है।
Also Read : रिम्स 2 मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन हाउस अरेस्ट