Patna : बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बीच जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने चिराग की राजनीतिक सक्रियता का स्वागत किया है और इसे बिहार के लिए एक अच्छा संकेत बताया है।
प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “चिराग जाति की राजनीति नहीं करते। अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं और बिहार की राजनीति में सक्रिय होते हैं, तो यह बिहार और बिहार की जनता के लिए अच्छा होगा।”
चिराग जाति की राजनीति नहीं करते। अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं और बिहार की राजनीति में सक्रिय होते हैं, तो यह बिहार और बिहार की जनता के लिए अच्छा होगा।- प्रशांत किशोर pic.twitter.com/p8vPmVh3HX
— JanSuraajForBihar (@ForSuraaj) June 2, 2025
इस बयान के बाद से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग को अब सिर्फ दलित नेता की छवि से ऊपर उठकर बहुजन नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। एलजेपी (आरवी) के बिहार प्रभारी और जमुई सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव में किसी आरक्षित नहीं बल्कि सामान्य सीट से उतर सकते हैं।
जब नेता पूरे बिहार का है, तो सीट का दायरा क्यों सीमित हो ?
कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार @iChiragPaswan जी बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें – चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
— Arun Bharti (@ArunBhartiLJP) June 1, 2025
चिराग को सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त
भारती ने यह भी दावा किया कि पार्टी के भीतर इस पर गंभीर मंथन चल रहा है और चिराग को सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है। खुद चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा, “पार्टी जो भी फैसला लेगी, मैं उसका पालन करूंगा।” इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद NDA चिराग के समर्थन में नजर आ रहा है, वहीं राजद ने इसे भाजपा का नीतीश कुमार के खिलाफ “हिडेन प्लान” बताया है। चिराग की हालिया CM नीतीश कुमार से मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दी है। पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर जिसमें लिखा गया “चिराग को मिला नीतीश का आशीर्वाद” ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
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