Dehradun : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट 19 और 20 मई के लिए लागू है. मौसम विभाग का कहना है कि राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश और गरज-चमक हो सकती है. इसके चलते जनजीवन प्रभावित हो सकता है. चारधाम यात्रियों के लिए पुलिस ने जारी की सुरक्षा एडवाइजरी बारिश की चेतावनी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा सलाह जारी की है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 112 नंबर पर कॉल करें. पुलिस ने कहा है, “हम सभी यात्रियों से निवेदन करते हैं कि सतर्क रहें और सुरक्षित यात्रा करें.”
हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी और ओलावृष्टि की संभावना
उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने करवट ली है. राज्य के कई जिलों में ओलावृष्टि, गरज-चमक और तेज हवाओं का खतरा बना हुआ है. मौसम विभाग ने 19 और 20 मई के लिए ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य के मध्य और उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश या बर्फबारी की भी संभावना है, जो 21 मई तक जारी रह सकती है.
परिवहन और बिजली आपूर्ति पर असर, प्रशासन अलर्ट पर
मंडी जिले सहित कई इलाकों में तेज बारिश और तूफानों के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई और आवागमन बाधित हुआ. प्रशासन ने लोगों से घर के भीतर रहने और भूस्खलन व बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है. आपातकालीन टीमें तैनात हैं और हालात पर करीबी निगरानी रखी जा रही है.
कुल्लू में 126 मेगावाट लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट फिर से हुआ शुरू
एक राहत की खबर यह है कि कुल्लू जिले में स्थित 126 मेगावाट लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट को फिर से चालू कर दिया गया है. यह परियोजना जुलाई 2023 में ब्यास नदी की बाढ़ से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. राज्य सरकार की तत्परता और सहयोग से यह प्रोजेक्ट दो साल से भी कम समय में फिर से चालू हो सका है. इससे बड़े वित्तीय नुकसान से बचाव संभव हुआ.
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए जरूरी सुझाव:
यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें.
भारी बारिश, भूस्खलन और बर्फबारी की चेतावनी को हल्के में न लें.
किसी भी आपात स्थिति में 112 पर कॉल करें.
प्रशासन की सलाह का पालन करें और जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें.
सावधानी ही सुरक्षा है. यदि आप चारधाम यात्रा पर हैं या हिमालयी क्षेत्रों में रह रहे हैं, तो मौसम से जुड़ी हर सूचना को गंभीरता से लें और सुरक्षित रहें.
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