Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मंगलवार को पेसा नियमावली लागू करने में हो रही देरी को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट के आदेश पर पंचायती राज सचिव मनोज कुमार सुनवाई में हाजिर हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि पेसा नियमावली को लेकर राज्य सरकार ने 17 विभागों से राय मांगा है, जिनमें से सात विभागों से जवाब मिल चुका है। हालांकि, विधि और वित्त विभाग से अब तक राय नहीं मिली, जबकि दोनों विभागों की राय सबसे जरूरी है। सचिव ने कहा कि जैसे ही दोनों विभागों का मंतव्य मिलेगा, प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा और स्वीकृति मिलने के बाद नियमावली लागू कर दी जाएगी।
कोर्ट ने सचिव से पूछा कि आदेश के बावजूद प्रक्रिया में इतनी देरी क्यों हो रही है। इस पर सचिव ने जवाब दिया कि लगातार बैठकें हो रही हैं और प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। अदालत ने सचिव को समय देते हुए अगली सुनवाई 23 सितंबर तय की।
बता दें कि हाईकोर्ट ने जुलाई 2024 में राज्य सरकार को दो माह के भीतर पेसा नियमावली तैयार कर लागू करने का आदेश दिया था। इसके पालन न होने पर आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा और कहा कि पेसा एक्ट 1996 में बना था, लेकिन झारखंड सरकार अब तक नियमावली लागू नहीं कर सकी।
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