Johar Live Desk : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सेहत कहीं पीछे छूटती जा रही है। ऑफिस, घर और जिम्मेदारियों के बोझ के बीच हम अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। नतीजा कई गंभीर बीमारियां धीरे-धीरे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। ऐसी ही एक समस्या है हाई कोलेस्ट्रॉल, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर कोलेस्ट्रॉल बुरा नहीं होता?
दरअसल, शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं LDL (बैड कोलेस्ट्रॉल) और HDL (गुड कोलेस्ट्रॉल)। जहां LDL दिल की बीमारियों को बढ़ावा देता है, वहीं HDL यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन हमारे दिल का रक्षक होता है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाकर लिवर तक पहुंचाता है, जिससे वो मल के जरिए बाहर निकल सके।
क्यों जरूरी है HDL का संतुलन?
क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, कम उम्र के पुरुषों में HDL का सामान्य स्तर 40 से 80 mg/dL और महिलाओं में 50 से 80 mg/dL होना चाहिए। अगर ये स्तर कम हो जाए तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, इसका ऊंचा स्तर शरीर को सूजन और खून के थक्कों से भी बचाता है।

कब खतरे में आ जाता है गुड कोलेस्ट्रॉल?
HDL का स्तर कम होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं:
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
ज्यादा स्मोकिंग
मेटाबॉलिक सिंड्रोम
जेनेटिक बीमारियां
कुछ दवाओं का असर
इंसुलिन रेजिस्टेंस
कैसे करें HDL को दुरुस्त?
नियमित एक्सरसाइज
हेल्दी डाइट
धूम्रपान से दूरी
शुगर और फैट का सीमित सेवन
समय-समय पर ब्लड टेस्ट
Also Read : स्वतंत्रता दिवस पर पाकुड़ में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने किया ध्वजारोहण