Chhapra : छपरा जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के फुरसतपुर गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। यह सभी बच्चे गांव से करीब 700 मीटर दूर एक ईंट-भट्ठे के लिए खोदे गए गड्ढे में नहाने गए थे, जहां गहरे पानी में डूबने से उनकी जान चली गई।
मृतकों की पहचान 14 वर्षीय आशीष, 13 वर्षीय करीमन, 12 वर्षीय मुन्ना कुमार और 11 वर्षीय अंकुश के रूप में हुई है। आशीष 9वीं, करीमन 8वीं, मुन्ना 5वीं और अंकुश 6वीं कक्षा का छात्र था।
परिजनों और ग्रामीणों के मुताबिक, बच्चे बिना किसी को बताए नहाने चले गए थे। इस दौरान एक बच्चा गहरे पानी में डूबने लगा, जिसे बचाने के चक्कर में बाकी तीनों भी पानी में उतर गए। गहराई का अंदाजा नहीं होने की वजह से चारों बच्चे डूब गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। जब तक आसपास के लोग मदद के लिए पहुंचते, तब तक सभी बच्चे पानी में समा चुके थे।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को गड्ढे से बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेजा गया।
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे खतरनाक गड्ढों को जल्द से जल्द भरा जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। लोगों ने आरोप लगाया कि ईंट-भट्ठा मालिक ने मिट्टी निकालने के बाद गड्ढा तो बना दिया, लेकिन वहां कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए।
इस मामले में एएसपी राम पुकार सिंह ने बताया कि गड्ढे की जांच की जा रही है और यदि इसमें किसी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, चश्मदीद ग्रामीण बृजनंदन पाठक ने बताया कि बच्चों के डूबने के बाद गांव वालों ने शोर मचाया और अपनी कोशिशों से बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
यह घटना न सिर्फ एक परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए गहरा सदमा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे जानलेवा गड्ढों को सुरक्षित कराया जाए, ताकि किसी और परिवार को ऐसा दर्द न झेलना पड़े।
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