Johar Live Desk : उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों और जोड़ों की देखभाल और भी जरूरी हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, हड्डियों में कमजोरी या घनत्व की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जो न केवल चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी असर डालता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनाकर हड्डियों और जोड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन है जरूरी
हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार बेहद जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, पनीर, अंडे, मशरूम और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों को नियमित आहार में शामिल करें। यदि जरूरत हो, तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन डी की सप्लीमेंट्स भी ली जा सकती हैं।
DEXA स्कैन से करें हड्डियों की जांच
हड्डियों के घनत्व की जांच और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे का आकलन करने के लिए नियमित रूप से DEXA स्कैन करवाने की सलाह दी जाती है। यह स्कैन हड्डियों की स्थिति का सही आकलन कर संभावित बीमारियों से बचाव में मदद करता है।
व्यायाम को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा
विशेषज्ञों के मुताबिक, नियमित व्यायाम जैसे चलना, दौड़ना, सीढ़ियाँ चढ़ना, शक्ति प्रशिक्षण, स्ट्रेचिंग और संतुलन से जुड़े अभ्यास हड्डियों को मजबूत करते हैं और जोड़ों में लचीलापन बनाए रखते हैं। तैराकी और साइकिल चलाना भी जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में सहायक हैं। सप्ताह में कम से कम पांच दिन 30 मिनट तक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
वजन नियंत्रण और सही मुद्रा भी है अहम
मोटापा हड्डियों और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दर्द और गठिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के जरिए वजन को नियंत्रित रखें। इसके अलावा, सही मुद्रा में बैठना और झुकाव से बचना भी जरूरी है ताकि पीठ और गर्दन की समस्या न हो।
हाइड्रेशन और नशे से दूरी भी जरूरी
पानी की कमी से जोड़ों की चिकनाई प्रभावित हो सकती है, इसलिए रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। साथ ही धूम्रपान और शराब जैसी आदतों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
नियमित जांच और जीवनशैली में सुधार से मिल सकती है राहत
स्वस्थ हड्डियों और जोड़ों के लिए जरूरी है कि समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाई जाए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार जीवनशैली में सुधार लाया जाए। आज ही सेहतमंद आदतें अपनाएं और भविष्य में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से बचाव करें।
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