Ranchi : “झारखंड सरकार जो सो रही वह अब जागे। सरकार ने कहा था कि दो प्रतिशत आरक्षण किन्नर समुदाय को दिया जायेगा। कई साल बीत गये, लेकिन दो प्रतिशत आरक्षण की बात अभी तक पेपर पर ही है। उसका लाभ समुदाय को नहीं मिला। आप पड़ोसी राज्य जायेंगे, तो वहां का नजारा ही अलग दिखेगा। पर झारखंड में सिर्फ बातें होती है। पेपर से आगे कोई कार्रवाई नहीं होती। हमारे समुदाय को शिक्षा तो दूर की बात है, घर-शौचालय और नौकरी तक नहीं है। सरकार ने तो एक हजार रुपये पेंशन देने का वादा भी किया था, पर वह पेंशन भी किसी को नहीं मिल रहा। हमने कई बार PIL भी डाली। कई दफा ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने की मांग की, पर आज तक झारखंड में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड नहीं बन पाया। इस चलते सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के वास्ते प्राइड मार्च निकाले हैं। सरकार को बताना चाहते हैं कि… हम भी हैं, हम पर भी ध्यान दीजिये, हमें भी रोटी-कपड़ा और मकान की जरूरत है। हमलोग कहां जायें…” यह कहना है अमरजीत सिंह का। अमरजीत सिंह किन्नरों की उत्थान संस्था की सचिव हैं।
दरअसल, अपने हक-अधिकार की मांग को लेकर किन्नर समुदाय के लोग आज यानी शनिवार को सड़क पर उतर आये। रांची के मेन रोड में प्राइड मार्च निकाला गया। वहीं, आदिवासी नृत्य कर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने की कोशिश की गयी। उनका सिर्फ इतना कहना था कि जैसे समाज में अन्य समुदाय के लोगों को हक और अधिकार दिये गये हैं, उसी तरह किन्नरों के लिए भी सबकुछ होना चाहिये। आज सड़क पर उतरने का मकसद झारखंड सरकार को अपने कये गये वादों को याद दिलाना है। सुनें क्या बोल गये किन्नर समाज से जुड़े लोग…
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