Johar Live Desk : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुड्डार इलाके में सोमवार की सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों ने इलाके को पूरी तरह घेर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। अनुमान है कि 3 से 4 आतंकी वहां छिपे हो सकते हैं।
एक आतंकी मारा गया
चिनार कोर, भारतीय सेना के अनुसार सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया है। इस मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशन अधिकारी समेत तीन जवान जख्मी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) शुरू किया था। जैसे ही टीमें नजदीक पहुंचीं, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
Jammu and Kashmir | One terrorist has been killed during an anti-terror operation in the Guddar forest of Kulgam.
A junior commissioned officer suffered injuries. Operation is in progress: Chinar Corps, Indian Army pic.twitter.com/bbMyCJMJc7
— ANI (@ANI) September 8, 2025
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी
गुड्डार में छिपे आतंकी लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े हैं। इस बीच, जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में बीएसएफ ने रविवार देर रात अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी नागरिक को हिरासत में लिया। सीमा पर संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद बीएसएफ ने सर्च ऑपरेशन चलाया और उसे पकड़ा। उससे पूछताछ जारी है।
आतंकवाद पर कड़ा प्रहार
सुरक्षाबलों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक के नेटवर्क को खत्म करने के लिए सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाना काफी नहीं है, बल्कि उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई जरूरी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से आतंकी नियंत्रण रेखा (LoC) के जरिए घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
सीमा पर सतर्कता
जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में 240 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा बीएसएफ कर रही है। पाकिस्तान की मदद से आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए हथियार, ड्रग्स और नकदी भेजने की कोशिश करते हैं। बीएसएफ ड्रोन-रोधी तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसी गतिविधियों को रोक रही है।
ड्रग तस्करी और हवाला पर नजर
ड्रग तस्कर और हवाला रैकेट भी सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं। माना जाता है कि इनसे मिलने वाला पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल होता है। ज्यादातर मामलों में इन रैकेट्स की जड़ें पाकिस्तान और वहां के आतंकी गुर्गों से जुड़ी पाई गई हैं।