Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के मुखिया दिनेश गोप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक और आरोप पत्र दाखिल किया है। यह आरोप पत्र 18 अक्टूबर को पीएमएलए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया गया, जो दिनेश गोप के खिलाफ ईडी द्वारा दायर किया गया दूसरा आरोप पत्र है।
ईडी की जांच में सामने आया है कि दिनेश गोप ने कोयला व्यापारियों और ठेकेदारों से जबरन लेवी के रूप में करीब 20 करोड़ रुपये वसूले। इन पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग में दिनेश ने मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई। उसने अवैध धन को सफेद करने के लिए हवाला कारोबारियों, स्थानीय मनी ऑपरेटरों और फर्जी कंपनियों (शेल कंपनियों) का इस्तेमाल किया।
दिनेश गोप ने अपनी पत्नियों शकुंतला कुमारी और हीरा देवी के नाम पर कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए कागजी व्यापार दिखाकर लेवी की रकम को बैंकिंग चैनलों में डाला गया। इसके बाद उस रकम से महंगी गाड़ियां खरीदी गईं, परिवारिक खर्चों में खर्च किया गया और बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट भी किए गए।

इस मामले में ईडी ने दिनेश गोप के साथ-साथ उसकी पत्नियों, सहयोगियों और कुछ कंपनियों को भी आरोपी बनाया है। इससे पहले ईडी ने निवेश कुमार नामक व्यक्ति के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें चार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा हुआ था, जिनमें से दो करोड़ रुपये दिनेश गोप से जुड़े थे।
ईडी की इस कार्रवाई में कई निजी कंपनियों और उनके संचालकों के नाम भी सामने आए हैं, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। ईडी ने साफ किया है कि लेवी की यह रकम आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने में इस्तेमाल की जा रही थी, जिसे रोकने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी।