Johar Live Desk : साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पांचवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इस बार मुख्य आरोपी और फरार राजेश यादव उर्फ दाहू यादव समेत आठ लोगों और दो कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं। दाहू यादव के परिवार की कंपनी मेसर्स रायदव ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड और कोलकाता की कंपनी मेसर्स मरीन इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड भी जांच के दायरे में हैं।
अवैध कमाई और साजिश का खुलासा
ED की जांच में पता चला है कि आरोपी आपराधिक सिंडिकेट बनाकर 1000 करोड़ से ज्यादा अवैध धन कमाने में शामिल हैं। इस गिरोह ने खनिज परिवहन और जबरन वसूली कर क्षेत्र में अपना दबदबा बनाया था। आरोप दाहू यादव ने साहिबगंज-मनिहारी नौका सेवा के लिए 8.52 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर टेंडर हासिल किया और अवैध नौका सेवा चलाई।
जब्ती और फ्रीजिंग की कार्रवाई
चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि हीरा लाल भगत के परिसर से 3.13 करोड़ नकदी जब्त की गई। नियम चंद्र शील ने अवैध खनन पट्टा के लिए पंकज मिश्रा के साथ साजिश स्वीकार की। यश जालान और उसकी कंपनी पर 2.75 करोड़ रुपये लेकर अवैध जहाज उपलब्ध कराने का आरोप है।
ED ने इस मामले में 3.49 करोड़ रुपये नकदी, एक जहाज, पांच स्टोन क्रशर और दो टिपर ट्रक जब्त किए हैं। साथ ही 2.47 करोड़ रुपये बैंक खातों से फ्रीज किए गए हैं। अब ईडी ने इन अवैध संपत्तियों को जब्त करने की मांग कोर्ट से की है।
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