Johar Live Desk : भारतीय रसोई में दही का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। यह स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें हेल्दी फैट्स और प्रोबायोटिक्स होते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, हर मौसम में एक जैसी चीज़ें खाना शरीर के लिए लाभकारी नहीं होता। खासकर बरसात के मौसम में दही का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
मानसून में क्यों न खाएं दही?
आयुर्वेद के अनुसार, दही की तासीर ठंडी होती है, जो मानसून के मौसम में शरीर के तीनों दोष – वात, पित्त और कफ को असंतुलित कर सकती है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं।
बरसात में दही खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं:
- पाचन समस्या: दही ठंडी प्रकृति का होता है, जिससे गैस, पेट फूलना और अपच जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- इम्यूनिटी कमजोर: ठंडे डेरी उत्पाद शरीर में बलगम बढ़ाते हैं और मौसमी बीमारियों व एलर्जी का खतरा बढ़ा देते हैं।
- सांस की समस्या: दही से बलगम बनने की संभावना रहती है, जिससे खांसी, जुकाम और छाती में जकड़न हो सकती है।
दही खाने का सही तरीका क्या है?
अगर आप मानसून में दही खाना चाहते हैं, तो उसमें थोड़ा भुना हुआ जीरा, काली मिर्च, काला नमक या शहद मिलाकर ही खाएं। इससे दही की ठंडक कम होती है और यह पाचन में सहायक बनता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। जोहर लाइव किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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