Ranchi : सेंट्रल कोल्डफिल्ड लिमिटेड(CCL) में भी अधिकारियों की कमी हो और एक अधिकारी के भरोसे तीन पोस्ट यह समझ से परे है। जी हां, ऐसा हाल है झारखंड की राजधानी रांची में सीसीएल का। यहां पर एक अधिकारी का विभाग में ऐसा धाक है कि तीन पोस्ट संभालने के साथ-साथ भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लग रहा है। इन अधिकारी का नाम डॉ. रत्नेश जैन है। फिलहाल डॉ. रत्नेश जैन सीसीएल की नौकरी कर रहे है। लेकिन, एक महीने के बाद सितंबर में सेवानिवृत भी हो जायेंगे। डॉ. रत्नेश जैन के खिलाफ जोहार लाइव को एक गुप्त पत्राचार प्राप्त हुआ है। आरोप लगाने वाले ने खुद की पहचान गुप्त रखने की बात पर बोला है। डॉ. रत्नेश जैन पर मरीज को गांधीनगर अस्पताल से बेहतर इलाज के नाम पर सैमफोर्ड अस्पताल में रेफर करने का, सीसीएल में सुरक्षा के नाम पर पैसों के घोटाले का समेत कई आरोप लगाए है।
डॉ. रत्नेश जैन पर क्या-क्या लगाया है आरोप
जोहार लाइव को प्राप्त गुप्त पत्र में चार आरोप लिखित तौर पर है। जिसमें पहला है कि CMS डॉ रत्नेश जैन जो तीन पोस्ट होल्ड करते है। इसस प्रशासनिक कार्यों में बाधा होती है। दूसरा है कि मरीजों के पसंद रेफरल हॉस्पिटल को बदलकर अपने पसंद का या जिस हॉस्पिटल सैमफोर्ड में उनकी पत्नी काम करती है वहां रेफर कर देते है। रेफरल पेपर में काटकर और व्हाइटनर से मिटाकर नाम बदल देते है। तीसरा आरोप है कि अस्पताल में सुरक्षा का खर्चा प्रत्येक महीने में 50 लाख होगा पर यहां रात दिन आवार कुत्ता मरीजों को और काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी होती है। अंतिम आरोप है कि इन पर नर्सिंग घोटाला का भी आरोप लगा है।
क्या कहना है डॉ. रत्नेश जैन का
इस प्रकरण में डॉ. रत्नेश जैन से बातचीत हुई तो कहा कि यह आरोप लंबे समय से लगाया जा रहा है। गांधीनगर अस्पताल से सैमफोर्ड अस्पताल में रेफर वाले मामले में कहा कि अभी तक सिर्फ तीन मरीज इलाज के लिए गए है। जबकि, सुरक्षा के नाम पर पैसों के घोटाले को लेकर कुछ खास जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पूरे कैंपस में सुरक्षाकर्मी चौबीस घंटे ड्युटी में रहते है। इसके बावजूद आवारा जानवर प्रवेश करते है तो सुरक्षा गार्ड द्वारा बाहर निकाला जाता है।
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