Ranchi : झारखंड में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हजारों युवाओं को बड़ा झटका लगा है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 2742 चयनित सहायक आचार्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति अनुशंसा वापस ले ली है। यह फैसला झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित प्रारंभिक विद्यालय प्रतिक्षित सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के परिणाम को लेकर उठे विवाद के बाद लिया गया है।
जिलों को जारी किया गया पत्र
शिक्षा विभाग के प्राथमिक निदेशक मनोज कुमार रंजन ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र जारी कर साफ निर्देश दिए हैं कि जिलेवार जारी की गई अनुशंसा सूची और संबंधित दस्तावेज तुरंत विभाग को लौटा दिए जाएं। पत्र में कहा गया है कि आयोग को परिणाम की दोबारा समीक्षा करनी है, इसलिए मौजूदा अनुशंसा को निरस्त किया जा रहा है।
इन विषयों के अभ्यर्थियों पर पड़ा असर
इस निर्णय से विज्ञान और गणित विषय के 1683 और भाषा विषय के 1059 चयनित उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं। कई जिलों में विज्ञान और गणित की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जबकि भाषा विषय के लिए काउंसलिंग चल रही थी। लेकिन अब इस पूरी प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
क्या है विवाद की वजह
परिणाम घोषित होने के बाद यह आपत्ति सामने आई कि कई अभ्यर्थियों ने Jharkhand TET (J-TET) में आरक्षित श्रेणी में परीक्षा पास की थी, लेकिन नियुक्ति के समय उन्हें अनारक्षित वर्ग में शामिल कर दिया गया। कुछ मामलों में तो ऐसे अभ्यर्थी भी चयनित हो गए, जिनके अंक अनारक्षित श्रेणी की कट-ऑफ से कम थे। इससे जिलों में असंतोष और भ्रम की स्थिति पैदा हुई और कई जगहों से शिक्षा विभाग को स्पष्टीकरण के लिए पत्र भेजे गए।
आयोग करेगा परिणाम की दोबारा समीक्षा
अब आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह चयन सूची की पूरी तरह से पुनः जांच करे, विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों के मामलों की, जिनका वर्गीकरण गलत तरीके से किया गया है। संभावना है कि आयोग संशोधित परिणाम जारी करेगा और उसके बाद ही आगे की नियुक्ति प्रक्रिया बढ़ेगी।
अन्य विषयों पर भी मंडरा रहा है संशय
यह विवाद सिर्फ विज्ञान, गणित और भाषा विषयों तक सीमित नहीं है। आयोग ने हाल ही में सामाजिक विज्ञान (3033 पद) और कक्षा 1 से 5 (4817 पद) के लिए भी परिणाम घोषित किए थे। हालांकि इन पदों की नियुक्ति की अनुशंसा अभी तक जिलों को नहीं भेजी गई थी, लेकिन अब इन पर भी संशोधन की संभावना जताई जा रही है।
15 हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया अधर में
राज्य सरकार ने झारखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में कुल 15,001 सहायक आचार्य नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। अब 2742 अनुशंसाएं वापस लेने और अन्य विषयों पर संशोधन की आशंका के कारण पूरी बहाली प्रक्रिया अस्थिर हो गई है।
चयनित अभ्यर्थियों में असमंजस
जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पूरी हो चुकी थी, वे अब असमंजस और मानसिक तनाव में हैं। कई को नियुक्ति पत्र का इंतजार था, लेकिन अब उन्हें फिर से प्रक्रिया के दोबारा शुरू होने का इंतजार करना होगा।
विभाग का दावा: पारदर्शिता ही प्राथमिकता
शिक्षा विभाग का कहना है कि वह पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना चाहता है। विभाग का दावा है कि गलत तरीके से चयनित किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्त नहीं किया जाएगा, और जब तक सारी आपत्तियों की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आगे की कार्रवाई रोक दी गई है।
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