Ranchi : केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अपने झारखंड दौरे के दौरान बताया कि राज्य सरकार की ओर से मांगी जा रही बकाया राशि को लेकर एक समिति गठित की गई है, जिसमें कोल मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं। अब तक इस समिति की दो से तीन बैठकें हो चुकी हैं और जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोल मंत्रालय का मकसद पैसा कमाना नहीं, बल्कि देश की कोयला जरूरतों को पूरा करना है ताकि भारत विकसित बन सके। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा।
#WATCH रांची, झारखंड: केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, “…जनजातीय लोगों का कल्याण और उन्हें सम्मान देना इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार काम कर रही है… एनडीए सरकार ने आदिवासी समुदाय की एक महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया… हम झारखंड के विकास के लिए पूरी… pic.twitter.com/AGIGOD8CnX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 12, 2025
माइंस वाटर का उपयोग और पर्यावरण संरक्षण
कोयला मंत्री ने बताया कि बंद हो चुकी कोयला खदानों (माइंस) के पानी का सही उपयोग करने के लिए सरकार काम कर रही है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और गोवा में इस दिशा में प्रयास हो रहे हैं। देश में ऐसी 143 खदानें हैं जिनका क्लोजर अभी बाकी है। अब तक 9 खदानें बंद हो चुकी हैं और आने वाले 2-3 सालों में सभी को नियमों के अनुसार बंद कर दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों को मिलेगा फायदा
रेड्डी ने कहा कि माइंस क्लोजर के बाद उनके पानी के उपयोग से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य को भी लाभ होगा। केंद्र सरकार इस पूरी प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण और रोजगार दोनों पर ध्यान दे रही है।
झरिया के लिए नया मास्टर प्लान
धनबाद के झरिया क्षेत्र के लिए केंद्रीय मंत्री ने नया मास्टर प्लान लाने की घोषणा की। इस योजना के तहत 60 लोगों की टीम बनाई जाएगी, जिनमें से 50 की नियुक्ति कोल मंत्रालय कर चुका है। राज्य सरकार को अब सीईओ नियुक्त करना है। प्लान में पुनर्वास, रोजगार, आवास, स्कूल और अस्पताल की सुविधाएं शामिल हैं।
अवैध खनन पर चिंता, सुरक्षा व्यवस्था पर ज़ोर
अवैध खनन के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए मंत्री ने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि खनन क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है और कोल कंपनियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।