Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    1 Aug, 2025 ♦ 3:05 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»सीएम हेमंत ने असम के सीएम को लिखा पत्र, चाय जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग
    झारखंड

    सीएम हेमंत ने असम के सीएम को लिखा पत्र, चाय जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग

    Team JoharBy Team JoharSeptember 26, 2024Updated:September 26, 2024No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को एक पत्र में चाय जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने का अनुरोध किया है. वहां चाय जनजातियों की संख्या 70 लाख है, लेकिन उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में ये समुदाय अनुसूचित जनजातियों के रूप में मान्यता प्राप्त हैं. पत्र में कहा गया है कि चाय जनजातियों को सरकारी योजनाओं और लाभों से वंचित रखा गया है, जिससे उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. वर्तमान में जनजातियों को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं में आरक्षण का कम लाभ मिल रहा है. समुदाय के सदस्यों का कहना है कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने में कठिनाई हो रही है और उनकी सामाजिक पहचान को संरक्षित करने की आवश्यकता है. इस स्थिति के समाधान के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है ताकि जनजातियों को उचित सुरक्षा और विकास के अवसर मिल सकें. पत्र में जोर देकर कहा कि जनजातियों की पहचान और उनके योगदान को मान्यता देने से न केवल उन्हें लाभ होगा, बल्कि यह असम की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को भी बनाए रखेगा.

    असम जनजाति पत्र सीएम हिमांत बिस्वा सरमा सीएम हेमंत सोरेन
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleउपायुक्त व उपविकास आयुक्त ने सदर अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, जानें क्या दिया निर्देश
    Next Article JSSC CGL ANSWER KEY : झारखंड सीजीएल परीक्षा का आंसर की आज हो सकता है जारी

    Related Posts

    झारखंड

    श्रावणी मेले में रेलवे की इनकम में हुआ इजाफा, 20 दिनों में 8.82 करोड़ से अधिक की हुई कमाई

    August 1, 2025
    गिरिडीह

    आजसू कार्यकर्ताओं ने पकड़ा प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली से लदा ट्रक, पुलिस को सौंपा

    August 1, 2025
    जमशेदपुर

    जमशेदपुर में युवती ने नदी में लगाई छलांग, तलाश जारी

    August 1, 2025
    Latest Posts

    श्रावणी मेले में रेलवे की इनकम में हुआ इजाफा, 20 दिनों में 8.82 करोड़ से अधिक की हुई कमाई

    August 1, 2025

    राहुल गांधी 16 दिनों में बिहार के इन 18 जिलों में करेंगे पदयात्रा, इस दिन से शुरू होगा सफर

    August 1, 2025

    आजसू कार्यकर्ताओं ने पकड़ा प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली से लदा ट्रक, पुलिस को सौंपा

    August 1, 2025

    जमशेदपुर में युवती ने नदी में लगाई छलांग, तलाश जारी

    August 1, 2025

    17 वर्षीय लड़की लापता, पड़ोसी युवक पर बहला-फुसलाकर भगाने का आरोप…

    August 1, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.