Ranchi : CM हेमंत सोरेन ने आज रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में झारखंड की ओर से 31 महत्वपूर्ण मांगें केंद्र सरकार के समक्ष रखीं। उन्होंने कहा कि झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की साझा विरासत को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
महिलाओं के लिए ‘मैयां सम्मान योजना’
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह सहायता देने के लिए ‘मैयां सम्मान योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहयोग की अपेक्षा जताई गई।
खनन क्षेत्र की समस्याएं और लंबित रॉयल्टी
हेमंत सोरेन ने कोल कंपनियों से ₹1.40 लाख करोड़ की लंबित रॉयल्टी राशि की शीघ्र वसूली की मांग की। उन्होंने DMFT नीति में सुधार और बंद खदानों के सुरक्षित बंदीकरण के लिए स्पष्ट नीति बनाए जाने की आवश्यकता बताई। PSU में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की भी वकालत की गई।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी, RIMS-2 और नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में केंद्र से मदद मांगी। SC/ST/OBC छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों में केंद्र की भागीदारी की मांग की गई।
आधारभूत संरचना और कनेक्टिविटी
साहेबगंज-रांची एक्सप्रेसवे, रांची मेट्रो परियोजना और रेलवे विस्तार को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया। रामरेखा धाम को रामायण सर्किट और बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की मांग भी शामिल रही।
सामाजिक सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा की मजदूरी और पेंशन योजनाओं को महंगाई के अनुसार संशोधित करने की बात कही। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 15 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देने की योजना का भी जिक्र किया।
पर्यावरण और जल संसाधन संरक्षण
दामोदर नदी को नमामि गंगे योजना में शामिल करने और सिंचाई परियोजनाओं में केंद्र की भागीदारी की मांग रखी गई।
संवैधानिक अधिकार और संघीय संतुलन
मुख्यमंत्री ने CBA एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया और कहा कि खनन के बाद ज़मीन का स्वामित्व राज्य सरकार को मिलना चाहिए। साथ ही COMFED, होटल अशोक जैसे साझा परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए स्पष्ट नीति की मांग की।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा, “झारखंड के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग नितांत आवश्यक है। ये सभी मांगें राज्य की जनता के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में निर्णायक कदम हैं।”
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