Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    19 Oct, 2025 ♦ 1:44 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»झारखंड सरकार द्वारा बंद पड़े सरकारी विद्यालय के बच्चों को मध्यान भोजन के रूप में सूखा राशन दिया गया
    झारखंड

    झारखंड सरकार द्वारा बंद पड़े सरकारी विद्यालय के बच्चों को मध्यान भोजन के रूप में सूखा राशन दिया गया

    Team JoharBy Team JoharSeptember 2, 2020No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Team

    देवघर। झारखंड सरकार के द्वारा बंद पड़े सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए मध्यान भोजन के विकल्प के रूप में सूखा चावल दिया जा रहा है । लेकिन उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंधा में शिक्षक की सूझबूझ के कारण सभी बच्चों को अनाज और छात्रवृत्ति का वितरण किया गया।

    दरअसल सरकार ने 70 फ़ीसदी बच्चों के लिए अनाज की व्यवस्था की और इसका आवंटन स्कूल को कर दिया । अब ऐसे में किन बच्चों को दिया जाए और किन बच्चों को ना दिया जाए । इस पर संशय की स्थिति बन गई। लेकिन उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंधा के प्रभारी प्राचार्य मनोरमा झा की सूझबूझ के कारण यह मामला भी सुलझ गया है ।

    दरअसल मनोरमा झा कुल आवंटन को कुल छात्र छात्राओं से डिवाइड कर दिया और सभी छात्र छात्राओं में बराबर चावल वितरित कर मामले को सुलझा दिया इसके अलावा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एक मैदान में बच्चों को खड़ा कर पारदर्शिता अपनाते हुए सभी के बीच चावल और छात्रवृत्ति का वितरण कर दिया गया।

    जिससे परिजन और छात्र दोनों ही खुश नजर आए कुल मिलाकर इस खबर ने यह दर्शाया है कि अगर विद्यालय प्रबंधन समिति अपने सूझबूझ का इस्तेमाल करें तो अच्छी रणनीति से समस्याएं हल की जा सकती है और कम संसाधन में भी छात्र छात्राओं को समानता के आधार पर खुश किया जा सकता है।

    Jharkhand news Latest news Online news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleघर से काम करते हुए 3 में से 1 भारतीय ने हर महीने बचाए करीब 5 हजार रुपए
    Next Article झारखण्ड : बेटी को जेईई की परीक्षा दिलाने के लिए किसान ने 300 किलोमीटर चलाई मोटरसाइकिल, 12 घंटे में तय किया पूरा सफर

    Related Posts

    जोहार ब्रेकिंग

    एक ही रात में 71 वांटेड गिरफ्तार, 255 वारंटों का निष्पादन, IG भास्कर के आदेश पर हुई कार्रवाई

    October 19, 2025
    कारोबार

    इस बार शाम नहीं, दोपहर में बजेगी समृद्धि की घंटी, दिवाली पर खास मुहूर्त ट्रेडिंग टाइमिंग जारी

    October 19, 2025
    क्राइम

    पलामू में वॉल पुट्टी मिस्त्री की ह’त्या, गर्दन में मा’री तीन गो’ली

    October 19, 2025
    Latest Posts

    नेपाल में Gen Z बना रहे नया राजनीतिक दल, अगला चुनाव लड़ने की रखी शर्तें

    October 19, 2025

    ISRO की ऐतिहासिक उपलब्धि : चंद्रयान-2 ने पहली बार देखा सूर्य की सौर ऊर्जा का चंद्रमा पर प्रभाव

    October 19, 2025

    एक ही रात में 71 वांटेड गिरफ्तार, 255 वारंटों का निष्पादन, IG भास्कर के आदेश पर हुई कार्रवाई

    October 19, 2025

    सुबह खाली पेट खाएं पीपल के पत्ते, दिल होगा तंदरुस्त, पाचन शक्ति होगी मजबूत

    October 19, 2025

    पटना एयरपोर्ट के पास डिवाइडर से टकराकर पलटी तेज रफ्तार कार, फिर…

    October 19, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.