Patna : बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा 2025 के दूसरे चरण की लिखित परीक्षा 20 जुलाई को 38 जिलों के 627 केंद्रों पर आयोजित की गई। कड़ी निगरानी के बावजूद परीक्षा में कदाचार के 7 मामले सामने आए, जिनमें 17 अभ्यर्थी शामिल पाए गए। इनमें से 7 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया, 6 पर FIR दर्ज, और 4 को परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया।
नकल के मामलों का ब्योरा
- नालंदा: एक FIR, तीन आरोपी चिह्नित, दो गिरफ्तार। सॉल्वर गैंग का खुलासा।
- सिवान: दो FIR, पांच आरोपी, दो गिरफ्तार। बायोमेट्रिक जांच में फर्जीवाड़ा।
- बक्सर, अररिया, बांका: एक-एक FIR, एक-एक गिरफ्तारी।
- दरभंगा: एक FIR, जांच जारी।
- खगड़िया: 16 जुलाई को पेपर लीक की साजिश में दो गिरफ्तार।
पेपर लीक की साजिश का पर्दाफाश
16 जुलाई को खगड़िया में व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पेपर लीक की साजिश पकड़ी गई। यह मामला 2023 की सिपाही परीक्षा लीक से मेल खाता है, जिसमें परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
परीक्षा में कड़ी सुरक्षा, फिर भी कदाचार
इस बार 2,79,095 अभ्यर्थियों के लिए ई-प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें से 2,51,569 ने डाउनलोड किया। परीक्षा में 80% उपस्थिति रही। सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन, CCTV, वीडियोग्राफी और पटना में कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई थी।
EOU और CSBC की कार्रवाई
सभी मामलों में IPC की धारा 420, 467, 468, 469 और बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम के तहत केस दर्ज किए गए हैं। नालंदा और सिवान में सॉल्वर गिरोह पर विशेष जांच शुरू की गई है।
बार-बार सामने आता है नकल रैकेट
बिहार में परीक्षा कदाचार का पुराना इतिहास रहा है। 2023 में पेपर लीक के चलते सिपाही भर्ती की परीक्षा रद्द हुई थी और 150 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। CSBC और EOU ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और भविष्य में और सख्त निगरानी की जाएगी।
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