Ranchi : झारखंड में कोयला बकाया मामले के बाद अब जल जीवन मिशन के फंड को लेकर राज्य सरकार ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य को उसका हक नहीं दिया जा रहा है।
भट्टाचार्य ने झामुमो कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, या तो पैसे दीजिए, क्यों कि अब याचना नहीं होगी। हमने जल जीवन मिशन को लेकर पूरी ईमानदारी से काम किया है। इस योजना के तहत 2019 से 2024 तक हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाना था। कुल योजना 24,065 करोड़ की थी, जिसमें से केंद्र सरकार को 12 हजार करोड़ से ज्यादा देना था, लेकिन अब भी 2,114 करोड़ रुपए का बकाया है।
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड ने योजना के तहत अब तक लगभग 55% घरों तक जल पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया है, लेकिन बकाया राशि के अभाव में काम में रुकावट आ रही है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कोयला मंत्रालय से मिलने वाले 1.36 लाख करोड़ रुपए का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि झारखंड के साथ बार-बार सौतेला व्यवहार हो रहा है। आप पाकिस्तान का पानी रोकिए, हम आपके साथ हैं। लेकिन कम से कम आदिवासियों को उनका पानी तो दीजिए। जब मणिपुर जल रहा था, आप नहीं गए। कोयले का भुगतान नहीं, पानी का भुगतान नहीं, तो ये योजना क्यों शुरू की।
भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार ने केंद्रीय मंत्री से अपील की है कि वे मंत्रालय जाकर लंबित राशि दिलवाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं। अब झारखंड चुप नहीं बैठेगा, अब याचना नहीं होगी, अधिकार के लिए संघर्ष होगा।
यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में भीषण गर्मी और जल संकट गहराता जा रहा है और सरकार जल जीवन मिशन के तहत योजनाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है।
Also read: बच्चे की परवरिश के लिए अगर महिला ने छोड़ी नौकरी तो देना होगा गुजारा भत्ता: HC
Also read: झारखंड में बहुत जल्द बनेंगी 259 ग्रामीण सड़कें, मिली मंजूरी