Ranchi: कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने अपनी पहली निर्माण-स्वामित्व-संचालन (BOO) मॉडल आधारित परियोजना “नई कथारा कोकिंग कोल वाशरी” के लिए मेसर्स ग्लोबल कोल एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (जीसीएमपीएल) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह पहल भारत में कोकिंग कोल की गुणवत्ता सुधारने और आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
10 जुलाई 2025 को हुए इस समझौते में सीसीएल की ओर से वाशरी निर्माण विभाग के महाप्रबंधक सुरेश तालंकर और कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए। जीसीएमपीएल कोयला धुलाई अवसंरचना में विशेषज्ञता रखने वाली एक प्रतिष्ठित कंपनी है।
इस अवसर पर सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेन्दु कुमार सिंह, निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा और निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र भी मौजूद रहे।
यह वाशरी झारखंड के बोकारो जिले के कथारा क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। इसकी नियोजित क्षमता तीन मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) होगी और इसका निर्माण लगभग 380 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। परियोजना की तय समय सीमा 36 महीने है।
यह सुविधा चालू होने के बाद क्षेत्र के कच्चे कोयले की गुणवत्ता में बड़ा सुधार लाएगी। राख की मात्रा कम करने के साथ ही यह कोकिंग कोल को इस्पात निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त बनाएगी। इसके अलावा यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देगी।
अनुबंध के सफल क्रियान्वयन में निदेशक तकनीकी (परियोजना एवं योजना) शंकर नागाचारी और निदेशक तकनीकी (संचालन) चन्द्र शेखर तिवारी की भी अहम भूमिका रही।
समारोह में सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेन्दु कुमार सिंह ने कहा कि नई कथारा वाशरी परियोजना सीसीएल की गुणवत्ता सुधार और परिचालन दक्षता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह आत्मनिर्भर भारत और मिशन कोकिंग कोल के उद्देश्यों के अनुरूप कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि सीसीएल उनके नेतृत्व में अन्य चार कोल वाशरियों के निर्माण के लिए भी प्रयासरत है।