Jamtara (Rajiv Jha) : चौकीदार बहाली को लेकर आयोजित हुई परीक्षा के बाद से ही नियुक्ति प्रक्रिया विवादों में दिखाई दे रही है. परीक्षार्थियों के साथ सामाजिक प्रतिनिधि और पार्टी नेता जिला प्रशासन के कार्यप्रणाली को दोषपूर्ण बताते हुए विरोध जाता रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष सुमित शरण, सुकुमार सर्खेल, किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री कमलेश मंडल, जिला प्रवक्ता आभा आर्य सहित अन्य ने सामूहिक रूप से प्रेस वार्ता का आयोजन कर चौकीदार नियुक्ति मामले को पारदर्शी तरीके से पूरा करने का मांग किया है.
जिला अध्यक्ष सुमित शरण ने कहा कि जब से झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है तब से यहां के लोगों के रोजी रोजगार को लेकर एक षड्यंत्रकारी माहौल बनता दिखाई दे रहा है. सरकार के द्वारा लोगों को छलने का काम किया जा रहा है. चौकीदार नियुक्ति को लेकर बहाली की प्रक्रिया आरंभ हुई तो युवाओं में उत्साह था, कि रोजगार के साथ ग्रामीण सुरक्षा का दायित्व मिलेगा, परंतु इस नियुक्ति मामले में जिला प्रशासन की जो कार्य प्रणाली है वह शुरू से संदेहास्पद रही है. आठ सदस्यी टीम में शीर्ष के तीन सदस्यों ने प्रश्न पत्र बनाने के लिए मना करने के बाद भी सिर्फ पांच सदस्यों के द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करवाया जाना, महज कुछ घंटे में परिणाम जारी कर देना, आपत्ति जताने के बाद भी कोई गलती नहीं करने की बात कह कर प्रशासन का पल्ला झाड़ लेना, यह सब इस नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं.
जिला अध्यक्ष ने कहा कि आज यहां युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है और हमारे जिले के दो-दो कद्दावर नेता, एक विधानसभा अध्यक्ष और दूसरे स्वास्थ्य मंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जनहित के इस मुद्दे पर इन दोनों नेताओं को जनता के सामने आकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. प्रशासन लोगों को विश्वास दिलाए कि इस नियुक्ति मामले में किसी प्रकार का घोटाला नहीं होगा और अभी तक जो कार्रवाई हुई है उसकी निष्पक्षता से जांच करें तथा बगैर किसी दबाव में आए हुए उचित परिणाम जारी करें, अन्यथा भारतीय जनता पार्टी समाहरणालय घेराव करने से लेकर सड़क पर उतरने तक का काम करेगी.
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