Patna : हर साल मानसून में बाढ़ से जूझते बिहार को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। रांची में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गंगा, कोसी और अन्य नदियों में जमा होने वाली गाद (सिल्ट) के लिए एक व्यापक गाद प्रबंधन नीति तैयार की जाएगी।
बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने हिस्सा लिया। गाद के कारण नदियों की गहराई कम हो जाती है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ जाता है। लाखों लोग हर साल इससे प्रभावित होते हैं। अब इस गाद को वैज्ञानिक तरीके से हटाने और प्रबंधन की दिशा में काम होगा।
बैठक में सोन नदी के जल बंटवारे पर भी सहमति बनी। वर्षों से लंबित इस समझौते के तहत बिहार को 5.75 मिलियन एकड़ फीट और झारखंड को 2.00 मिलियन एकड़ फीट पानी मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र से फरक्का बैराज के कारण गंगा की अविरलता पर पड़ रहे प्रभावों को कम करने और बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा पर कटाव रोकने के लिए 100% खर्च केंद्र से वहन करने की मांग की।
साथ ही नेपाल और अन्य राज्यों से आने वाली नदियों के जल प्रबंधन के लिए समन्वित नीति बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया। बैठक में पूर्वी राज्यों के विकास और आपसी सहयोग पर भी चर्चा हुई। सम्राट चौधरी ने कहा कि अब रुकी हुई परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिल रही है।
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