Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही केंद्र सरकार ने राज्य को दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं की वित्तीय मंजूरी दे दी है। ये परियोजनाएं खगड़िया–पूर्णिया और मुजफ्फरपुर–सीतामढ़ी–सोनबरसा मार्ग से जुड़ी हैं। दोनों सड़कों की कुल लंबाई लगभग 233 किलोमीटर होगी और इन पर लगभग 6,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अब यह प्रस्ताव कैबिनेट की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
दोनों सड़कों का चौड़ीकरण जल्द शुरू होगा
एनएचएआई के मुताबिक, फिलहाल ये सड़कें दो लेन की हैं। बढ़ते यातायात को देखते हुए अब इन्हें चार लेन में बदला जाएगा। लक्ष्य है कि वित्तीय मंजूरी के बाद इस वित्तीय वर्ष में ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए। बिहार सरकार पहले ही इन परियोजनाओं का प्रस्ताव केंद्र को भेज चुकी थी, जो PPPAC (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रेज़ल कमेटी) के पास लंबित था। अब इस कमेटी ने दोनों परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है।
खगड़िया–पूर्णिया सड़क बनेगी HAM मॉडल पर
लगभग 130 किमी लंबी खगड़िया–पूर्णिया सड़क का निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) पर होगा।

- इसमें 60% खर्च निर्माण कंपनी और
- 40% खर्च केंद्र सरकार देगी।
निर्माण पूरा होने के बाद कंपनी तय अवधि तक टोल वसूलकर अपनी लागत वापस पाएगी। HAM मॉडल को सड़क निर्माण का सबसे संतुलित तरीका माना जाता है।
सीतामढ़ी–सोनबरसा मार्ग बनेगा BOT मॉडल पर
मुजफ्फरपुर–सीतामढ़ी–सोनबरसा सड़क BOT (बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल में बनाई जाएगी। इसमें निर्माण की लागत मुख्य रूप से निजी कंपनी वहन करती है और टोल टैक्स से अपनी राशि वसूल करती है। नेपाल सीमा के नजदीक होने के कारण यह सड़क क्षेत्र के व्यापार और परिवहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इससे मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के बीच आवागमन भी आसान होगा।
टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
PPPAC की मंजूरी के बाद अब दोनों सड़कों के टेंडर जारी किए जा सकेंगे। उम्मीद है कि दिसंबर से टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और जनवरी–फरवरी में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। एनएचएआई बिहार में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है, जिनमें गंगा एक्सप्रेसवे और पटना रिंग रोड प्रमुख हैं।
बिहार के आर्थिक विकास को नई रफ्तार
इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से उत्तर बिहार के कई जिलों में तेज और सुरक्षित सड़क सुविधा उपलब्ध होगी। सीमा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उद्योगों, कृषि तथा बाजारों को भी लाभ होगा। चार लेन बनने के बाद यात्रा समय कम होगा और हादसों में भी कमी आने की उम्मीद है।
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