Patna : बिहार के सरकारी स्कूल अब डिजिटल उपस्थिति प्रणाली अपनाने जा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने प्रखंड स्तर पर पहले चरण में 90 स्कूलों को टैबलेट वितरित कर दिए हैं, जबकि बाकी टैबलेट 24 और 25 नवंबर तक बांटे जाएंगे। नई व्यवस्था शुरू होने से शिक्षकों में उत्साह है, क्योंकि यह पारंपरिक रजिस्टर की तुलना में अधिक पारदर्शी और प्रभावी मानी जा रही है।
बीईओ सौरभ सुमन ने बताया कि प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक सभी स्कूलों में टैबलेट दिए जा रहे हैं। इन टैबलेट्स में ई-शिक्षाकोष सहित विभाग के सभी जरूरी ऐप पहले से इंस्टॉल रहेंगे और इनमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। ऐप के सही उपयोग के लिए प्रधानाध्यापकों और इच्छुक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
टैबलेट वितरण पर कड़ी निगरानी
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ-एसएसए को निर्देश दिया है कि टैबलेट के वितरण का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाए। हर टैबलेट का IMEI नंबर संबंधित स्कूल के नाम के साथ दर्ज किया जाएगा। बीआरसी स्तर पर भी यह रिकॉर्ड रखा जा रहा है कि किस विद्यालय को कितने टैबलेट दिए गए हैं।

डिजिटल प्रणाली के फायदे
ऑनलाइन हाजिरी लागू होने से बच्चों और शिक्षकों दोनों की उपस्थिति का रीयल-टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी। इससे छात्रों के ड्रॉपआउट में कमी आएगी और शिक्षकों की उपस्थिति में पारदर्शिता बढ़ेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार, यह व्यवस्था स्कूलों में अनुशासन को मजबूत करेगी और शैक्षिक प्रदर्शन पर निगरानी आसान बनेगी।
शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा डिजिटल बढ़ावा
सरकार का कहना है कि डिजिटल हाजिरी सिस्टम से स्कूल प्रशासन की तकनीकी दक्षता बढ़ेगी और छात्रों-शिक्षकों की गतिविधियों का सटीक डेटा मिलेगा। आने वाले समय में अन्य स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट और डिजिटल शिक्षण उपकरण भी लागू किए जा सकते हैं, ताकि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह आधुनिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाया जा सके।
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