Patna : पटना हाईकोर्ट ने बिहार के भूमि सुधार उप समाहर्ता (DCLR) पदों पर बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) के अधिकारियों को हटाने का ऐतिहासिक आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि अब इन पदों पर केवल बिहार राजस्व सेवा (BRS) के प्रमोशन प्राप्त अधिकारी ही तैनात किए जाएंगे।
कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को तीन महीने के भीतर सभी BAS अधिकारियों को DCLR पदों से हटाने और उन्हें नवसृजित 102 अपर जिला-भू अर्जन पदाधिकारी के पदों पर समायोजित करने का निर्देश दिया है। यह व्यवस्था भूमि सुधार विभाग में अनुभवी राजस्व अधिकारियों की भूमिका को मजबूत करने के साथ-साथ BAS अधिकारियों को वैकल्पिक भूमिकाएं प्रदान करेगी।
न्यायालय ने कहा कि आगामी नियुक्तियां बिहार राजस्व सेवा नियमावली 2010 के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें 9 साल तक अंचल अधिकारी के रूप में सेवा देने वाले अधिकारियों को DCLR पद पर प्रोन्नति का प्रावधान है। यह आदेश 59 प्रमोशन प्राप्त अंचल अधिकारियों की याचिका पर आया है, जिनमें विनय कुमार भी शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं के वकील दिनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि योग्य BRS अधिकारियों की उपेक्षा करते हुए BAS अधिकारियों को DCLR पदों पर तैनात करना नियमों के विरुद्ध था। कोर्ट ने उनकी दलील स्वीकार करते हुए सरकार के वकील ज्ञान प्रकाश ओझा के इस बयान को भी महत्व दिया कि DCLR पद विशेष रूप से BRS अधिकारियों के लिए आरक्षित हैं।
यह फैसला वर्षों से प्रोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे राजस्व अधिकारियों के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। इससे बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग में बड़ी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। विशेषज्ञ राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति से भूमि विवाद और दाखिल-खारिज जैसे मामलों का निपटारा अधिक प्रभावी और कुशल तरीके से किया जा सकेगा। वहीं, BAS अधिकारियों को भू-अर्जन जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान का मौका मिलेगा। पटना हाईकोर्ट का यह आदेश बिहार प्रशासन में नियमों के सख्त पालन और उचित प्रोन्नति प्रक्रिया लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Also Read : फॉर्च्यूनर ने पटना हाईकोर्ट के वकील को मारी टक्कर, PMCH में भर्ती