Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आजसू पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरक्षण और स्थानीय नीति पर आजसू की राजनीति पूरी तरह से अवसरवादी है और जनता को गुमराह करने की साजिश है।
विनोद पांडेय ने कहा कि जो पार्टी कभी झारखंड में ओबीसी आरक्षण को 24 से घटाकर 14 प्रतिशत कराने की जिम्मेदार रही है, वह आज आरक्षण पर नैतिकता की बात कर रही है, जो जनता के साथ भद्दा मज़ाक है। उन्होंने दावा किया कि आजसू पार्टी की दिशाहीन राजनीति के कारण उसका जनाधार लगातार खत्म हो रहा है और पिछले चुनाव इसके गवाह हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब हेमंत सोरेन सरकार ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने की पहल की थी, तब अदालत में इसे रोकने की कोशिश एनडीए के सहयोग से की गई, जिसमें आजसू एक अहम घटक रही। अगर आजसू सच में ओबीसी के हक में है, तो उसे पहले यह जवाब देना चाहिए कि वह अदालत में आरक्षण के विरोधियों के साथ क्यों खड़ी थी।
विनोद पांडेय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी की सरकार में ओबीसी आरक्षण घटाया गया था और उस समय आजसू सत्ता में साझेदार थी। वह उस ऐतिहासिक गलती से कभी मुंह नहीं मोड़ सकती।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी स्पष्ट सोच, संवेदनशील फैसलों और योजनाओं के कारण आज देश के सबसे बड़े आदिवासी नेता हैं। उनका मुकाबला करने के लिए केवल आलोचना नहीं, बल्कि उनके जैसा जनसमर्पित दृष्टिकोण चाहिए।
विनोद पांडेय ने आजसू द्वारा निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण पर उठाए गए सवालों को भी खारिज करते हुए कहा कि आरक्षण के खिलाफ अदालत में कौन गया, यह जनता जानती है। सरकार नीति बना रही है, अदालत की प्रक्रिया का सम्मान कर रही है, लेकिन आजसू युवाओं की भावनाओं से खेल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि आजसू पार्टी न तो कभी कोई ठोस स्थानीय नीति लेकर आई, न ही अपनी सरकारों के दौरान पारदर्शी नियोजन प्रक्रिया लागू कर सकी। आज जब झामुमो सरकार हज़ारों पदों पर नियुक्तियां कर रही है, परीक्षा आयोगों को पुनर्गठित कर पारदर्शिता लाई जा रही है, तब आजसू केवल नारेबाज़ी कर रही है।
‘नौकरी दो’ जैसे नारों पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आजसू पहले यह बताए कि उनके शासनकाल में कितने युवाओं को नौकरी मिली, कितनी परीक्षाएं हुईं और कितनी नियुक्तियां दी गईं।
मैयाँ सम्मान योजना पर उठाए गए सवालों को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह योजना लाखों गरीब महिलाओं के लिए सम्मान की पहल है, जिसे राजनीतिक रंग देना महिलाओं का अपमान है।
उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित करने की कोशिश आजसू बंद करे। जिन मुद्दों पर वह खुद दोषी रही है, उन पर भाषण देना उसके असली चेहरे को उजागर करता है।
विनोद पांडेय ने अंत में कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के लोगों के अधिकार, सम्मान और विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जनता अब जवाब देने को तैयार है।
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