Jamshedpur: जमशेदपुर के गोलमुरी और भुइयांडीह क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन के आरोपों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विरोध के बाद अब मसीही समुदाय भी सामने आया है। उनका आरोप है कि शांतिपूर्वक चल रही उनकी प्रार्थना सभाओं में जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न किया गया और कई श्रद्धालुओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया।
नेशनल क्रिश्चियन काउंसिल (एनसीसी) की झारखंड इकाई ने इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को एक ज्ञापन सौंपकर दोषियों और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन में 26 और 27 जुलाई को गोलमुरी व भुइयांडीह में हुई घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जिसमें मसीही समुदाय की प्रार्थना सभाओं में व्यवधान डाला गया। एनसीसी के झारखंड अध्यक्ष विक्टर सोमैया और महासचिव एन. सोलोमन राजू द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के दो स्थलों पर शांति से चल रही प्रार्थना सभाओं में कुछ समूहों और पुलिसकर्मियों ने मिलकर हस्तक्षेप किया। कई श्रद्धालुओं को छह घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया और उन्हें मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी गई।
एनसीसी का कहना है कि इन कार्रवाइयों का आधार “धर्म परिवर्तन” का आरोप बताया गया, जो पूरी तरह निराधार और प्रमाणहीन है।
ज्ञापन में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 का हवाला देते हुए कहा गया है कि हर नागरिक को अपने धर्म को मानने, पालन करने और प्रचार करने का अधिकार है। एनसीसी ने सवाल उठाया है कि झूठे आरोप लगाने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? उन पुलिसकर्मियों की जवाबदेही कब और कैसे तय की जाएगी जो इन घटनाओं में शामिल रहे?
एनसीसी ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वह तत्काल निष्पक्ष कार्रवाई करे ताकि हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके। यह ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री, झारखंड पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारत की राष्ट्रपति को भी प्रेषित किया गया है।