Giridih : गिरिडीह के गावां क्षेत्र में शुक्रवार को एक निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त 32 साल के भैरव तिवारी के तौर पर की गई है। मौत के बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि पांडेडीह मोड़ पर क्लिनिक चलाने वाला डॉक्टर हरि दास झोलाछाप है और उसने बिना जांच के भैरव को तीन इंजेक्शन लगा दिए, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।
क्या है पूरा मामला?
माल्डा तिवारी टोला निवासी भैरव तिवारी को सुबह करीब 8 बजे अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। भाई रूपेश तिवारी उसे बाइक से डॉ. हरि दास के क्लिनिक ले गए। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने बिना किसी जांच के तीन इंजेक्शन दिए, जिसके बाद भैरव की हालत नाजुक हो गई। डॉक्टर ने परिजनों से उसे गावां सरकारी अस्पताल ले जाने को कहा। वहां डॉक्टरों ने भैरव को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का गुस्सा
मौत की खबर मिलते ही परिजन और ग्रामीण गुस्से में आ गए। उन्होंने बॉडी को सड़क पर रखकर पटना-पिहरा मुख्य मार्ग जाम कर दिया और स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इस दौरान आरोपी डॉक्टर क्लिनिक बंद कर फरार हो गया।
पुलिस जांच शुरू
परिजनों और ग्रामीणों ने मृतक के परिवार को मुआवजा और दोषी डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग की है। गावां थानेदार रोहित कुमार ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच शुरू हो गई है और दोषी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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