Jehanabad : गांव की पुलिया पर एक परिवार गेहूं सुखा रहा था। इस दौरान दूसरे पक्ष ने गेहूं हटाने को कहा, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। परिवार ने जब कहा कि जल्द ही गेहूं हटा लेंगे, इसके बाद भी दूसरे पक्ष के लोगों ने बात नहीं सुनी और छोटे से विवाद ने खूनी रूप ले लिया। दूसरे पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इस हमले में करीब 65 साल के कइल यादव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग बेतरह जख्मी हो गए। घटना जहानाबाद जिला के रामसे बीघा गांव से सामने आई है।
कैसे शुरू हुआ विवाद :
यह मामला मंगलवार का है जब कइल यादव का परिवार गांव की पुलिया पर गेहूं सुखा रहा था। दूसरे पक्ष ने गेहूं हटाने को कहा, जिसके बाद कहा-सूनी शुरू हो गई। बात बिगड़ गई और गाली-गलौज तक पहुंच गई थी। बुधवार सुबह विरोधी पक्ष ने लाठी-डंडों से कइल यादव के घर पर हमला कर दिया। इस हमले में कइल यादव की मौके पर मौत हो गई। उनके परिवार के विकास कुमार, नीतीश कुमार, कामेश्वर यादव और चिंता देवी बेतरह जख्मी हो गए। जख्मियों को पहले जहानाबाद के सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से चिंता देवी को पटना के पीएमसीएच भेजा गया।
पुलिस की लापरवाही :
कइल यादव की पत्नी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मंगलवार को ही कल्पा थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर कदम उठाती, तो यह हादसा टल सकता था।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पहले भी ऐसे झगड़े हुए हैं, लेकिन इस बार मामला जानलेवा बन गया। लोग पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
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