Panaji : गोवा पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए तीन लोगों के पास से करीब 10 करोड़ रुपये की व्हेल की उल्टी बरामद की है. इसे एम्बरग्रिस (Ambergris) भी कहा जाता है. पुलिस ने गुरुवार को दक्षिण गोवा के संगुएम गांव में एक कार को रोककर यह कार्रवाई की.
कैसे पकड़े गए आरोपी?
पुलिस को एक खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोग व्हेल की उल्टी की तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और संगुएम गांव में एक कार को रोका. जब कार की तलाशी ली गई, तो उसमें से 5.75 किलोग्राम एम्बरग्रिस मिला, जो एक मोम जैसा पदार्थ होता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये आंकी गई है.
क्या है व्हेल की उल्टी (एम्बरग्रिस)?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये व्हेल की उल्टी है क्या और इतनी महंगी क्यों है.
बनती कैसे है
दरअसल, यह स्पर्म व्हेल मछली की आंतों में बनने वाला एक पदार्थ है. यह व्हेल के पाचन तंत्र को तेज धार वाली चीजों से बचाने में मदद करता है. समय के साथ यह व्हेल के शरीर से बाहर निकल जाता है और समुद्र में तैरता रहता है.
कहां होता है इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में बहुत ज़्यादा होता है. एम्बरग्रिस की खासियत यह है कि यह परफ्यूम की खुशबू को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है. इसी वजह से दुनिया भर में इसकी बहुत मांग है और यह सोने की तरह कीमती है.
भारत में क्यों है गैर-कानूनी?
भारत में एम्बरग्रिस को रखना या इसका व्यापार करना पूरी तरह से गैर-कानूनी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि स्पर्म व्हेल एक दुर्लभ और संरक्षित जीव है. इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के शेड्यूल II के तहत सुरक्षा दी गई है. इन व्हेलों के शिकार को रोकने के लिए इनके किसी भी उत्पाद के व्यापार पर पाबंदी है.
कौन हैं गिरफ्तार हुए लोग?
पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान गोवा के रहने वाले 50 साल के साईनाथ शेत और 55 साल के रत्नकांत कारापुरकर, और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग के रहने वाले 40 साल के योगेश रेडकर के रूप में हुई है. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों के पास यह कीमती एम्बरग्रिस कहां से आया और वे इसे किसे बेचने वाले थे.
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