Ranchi : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में शनिवार को गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने की। इसमें हाईकोर्ट के ऑब्जर्वर जस्टिस अमरेश्वर सहाय भी शामिल हुए।
कोर्ट के 16 प्रस्तावों को मंजूरी
इस बैठक में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए 16 प्रस्तावों पर सहमति दी गई। इनमें सबसे अहम प्रस्ताव वेंटिलेटर और एमआरआई जैसी मशीनों की जल्द खरीदारी को लेकर था। अस्पताल प्रबंधन को जल्द से जल्द यह खरीदारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर निगरानी
बैठक में डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि सभी डॉक्टरों के लिए अब बायोमैट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य किया जाएगा। जो डॉक्टर सरकारी ड्यूटी के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, उन्हें पहले चेतावनी दी जाएगी और फिर इस मुद्दे पर बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा।
दवाओं और ज़रूरी सामान की कमी नहीं होगी
प्रस्ताव में यह भी तय हुआ कि अब अस्पताल में दवाओं और दूसरे जरूरी सामानों की कोई कमी नहीं रहेगी। खरीदारी से जुड़े सभी प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं।
200 करोड़ का बजट, सिर्फ 30 करोड़ खर्च
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि अस्पताल के पास 230 करोड़ का बजट था, लेकिन अब तक सिर्फ 30 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। मंत्री ने कहा कि लोग खर्च करने से डरते हैं, लेकिन अब प्रबंधन को बाकी राशि भी इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं।
डायरेक्टर को 9 अक्टूबर तक का समय
स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स के डायरेक्टर को 9 अक्टूबर तक का समय दिया है कि वे अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार करें। अगर काम संतोषजनक रहा, तो आगे की बात होगी। डॉक्टरों ने नकारात्मक खबरों को लेकर भी चिंता जताई है, जिससे काम में मन नहीं लग रहा।
अगली बैठक 9 अक्टूबर को
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अगली गवर्निंग बॉडी की बैठक 9 अक्टूबर को होगी, जिसमें अस्पताल से जुड़े बाकी 18 एजेंडों पर चर्चा की जाएगी। इस बार सिर्फ कोर्ट के प्रस्तावों पर ही बात हुई।
बैठक में कौन-कौन रहे शामिल
इस बैठक में केंद्रीय मंत्री व सांसद संजय सेठ, कांके विधायक सुरेश बैठा, रिनपास के डायरेक्टर, डॉ. अशोक नाग, एसीएस अजय कुमार सिंह और अन्य जीबी सदस्य मौजूद रहे।