Ranchi : गरीबों को मुफ्त नमक देने में हो रही लगातार देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने नमक खरीद की व्यवस्था बदलने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नमक वितरण योजना के तहत अब टेंडर प्रक्रिया के बजाय सीधे केंद्रीय लोक उपक्रम (केंद्रीय भंडार) से नमक खरीदा जाएगा। इसके लिए झारखंड वित्तीय नियमावली में शिथिलता दी जा रही है। खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और विभाग ने फाइल को राज्य योजना प्राधिकृत समिति के पास भेज दिया है।
झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लगभग 67.84 लाख परिवार आते हैं। इन सभी परिवारों को सरकार हर महीने एक किलो रिफाइंड आयोडीन युक्त नमक मुफ्त देती है। अब तक तीन-तीन महीने के लिए टेंडर निकालकर नमक खरीदा जाता था, जिससे पूरी प्रक्रिया में देरी होती थी और समय पर नमक आपूर्ति नहीं हो पाती थी। केंद्रीय भंडार ने नमक की कीमत 10.72 रुपये प्रति किलो निर्धारित की है, जो अन्य कंपनियों से कम मानी गई है। मनोनयन के आधार पर नमक खरीद के लिए कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार और केंद्रीय भंडार के बीच समझौता किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, इस व्यवस्था से हर महीने करीब 7 करोड़ रुपये और सालभर में लगभग 87 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में नमक आपूर्ति में काफी देरी हुई थी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान लागू आचार संहिता के कारण टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, जिससे लाखों लाभुकों को समय पर नमक नहीं मिल पाया। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने चार सहकारी संस्थाओं से दरें मांगी थीं और केंद्रीय भंडार का रेट सबसे कम पाया गया।

वहीं दाल और चीनी की आपूर्ति अभी भी टेंडर प्रक्रिया के अधीन है। टेंडर पूरी होने में एक से दो महीने का समय और लग सकता है। टेंडर न होने के कारण पिछले 11 महीने से गरीब उपभोक्ताओं को दाल नहीं मिली है। जनवरी 2025 से अब तक पीडीएस दुकानों में चना दाल नहीं पहुंची है। चीनी की आपूर्ति भी रुकी हुई है, क्योंकि पुराने टेंडर को रद्द करने के बाद अभी तक नया टेंडर जारी नहीं किया गया है। सरकार राशन कार्डधारकों को 27 रुपये प्रति किलो चीनी और बीपीएल परिवारों को 1 रुपये प्रति किलो चना दाल उपलब्ध कराती है।
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