Johar Live Desk : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कंटेंट क्रिएटर समय रैना और अन्य कॉमेडियन्स को निर्देश दिया कि वे हर महीने दो बार दिव्यांग लोगों को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल करें। यह निर्देश इसलिए दिया गया क्योंकि उन्होंने एक वीडियो में शारीरिक अक्षमता का मज़ाक उड़ाया था। अदालत ने कहा कि ये कॉमेडियन दिव्यांग व्यक्तियों की सफलता की कहानियों पर कार्यक्रम करें और विशेष रूप से स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए फंड जुटाने में मदद करें।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बताया कि क्योर SMA फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने उन दिव्यांग लोगों की सफलता की कहानियों पर एक नोट सौंपा है, जिनका मज़ाक YouTube कार्यक्रमों में उड़ाया गया था। अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि SMA पीड़ितों के इलाज के लिए एक समर्पित फंड बनाया जाए या मौजूदा फंड का प्रचार बढ़ाया जाए ताकि अधिक लोग और कंपनियाँ दान कर सकें।
पीठ ने कहा कि समय रैना, विपुल गोयल, बलराज सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर पहले ही अपनी मर्जी से फंड जुटाने के कार्यक्रम कर रहे हैं और उन्होंने महीने में दो इवेंट करने की भी इच्छा जताई है। उन्होंने अदालत से दिव्यांग achievers को बुलाने की अनुमति भी मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि अगर कॉमेडियन ईमानदारी से सुधार दिखाएंगे, तो दिव्यांग लोग भी खुशी से उनके प्लेटफॉर्म पर आकर इस अच्छे उद्देश्य का हिस्सा बनेंगे। अदालत यह आदेश उस याचिका पर सुन रही थी जिसमें दिव्यांग लोगों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले ऑनलाइन कंटेंट पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने इन कॉमेडियनों को दिव्यांगों पर की गई असंवेदनशील टिप्पणियों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी मांगने का आदेश दिया था।

