Koderma : कोडरमा का तिलैया डैम इस बार नए साल और ठंड के मौसम में पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यहां हाल ही में शुरू किया गया फ्लोटिंग रेस्टोरेंट इस सीजन का सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है। इसे दो महीने पहले झारखंड के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने उद्घाटित किया था, और अब एक सप्ताह से आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है।
तिलैया डैम अपनी खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और शांत वातावरण की वजह से कोडरमा समेत हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा और बिहार के विभिन्न जिलों के पर्यटकों को आकर्षित करता है। दिसंबर शुरू होते ही यह इलाका पिकनिक मनाने वालों से भरने लगता है। यहां आधा दर्जन से ज्यादा पिकनिक स्पॉट हैं, जहां हजारों लोग पकवान बनाने, नाच-गाने और बोटिंग का आनंद लेने आते हैं।
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की खासियतें
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के ऑपरेटर विकास चौधरी ने बताया कि इसे बुक करने के लिए 5 हजार रुपये जमा करने होते हैं, जिसे कैश या ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है। यहां बर्थडे, एनीवर्सरी और छोटे समारोह आयोजित किए जा सकते हैं। रेस्टोरेंट में 40 लोगों के बैठने की सुविधा है। बोट स्टार्टिंग पॉइंट से जवाहर घाट तक जाती है और लगभग दो घंटे बाद वापस लौट आती है। इस दौरान पर्यटक पूरी तरह मस्ती, नाच-गाना और खाने-पीने का आनंद ले सकते हैं।

इसके साथ ही एक क्यूआर कोड भी उपलब्ध है, जिसे स्कैन करने पर आसपास के कई रेस्टोरेंट और होटलों के मेन्यू दिखते हैं, ताकि पर्यटक अपनी पसंद का खाना ऑर्डर कर सकें। यह सेवा सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध है और शाम 7 बजे के बाद बंद कर दी जाती है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
विकास चौधरी ने बताया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सभी यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट और लाइफबॉय उपलब्ध हैं। स्टार्टिंग पॉइंट पर कई मोटरबोट भी तैयार रहती हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तत्काल भेजा जा सकता है।
वाटर एडवेंचर का भी मज़ा
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के साथ-साथ यहां हाई-स्पीड मोटर बोट, पैडल बोट, नौका विहार सहित अन्य कई प्रकार की बोटिंग सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे पर्यटक वाटर एडवेंचर का भी पूरा आनंद ले सकते हैं।
पर्यटकों के लिए और सुविधाएँ होंगी विकसित
कोडरमा डीसी ऋतुराज ने बताया कि तिलैया डैम को और आकर्षक बनाने की योजना पर काम चल रहा है। झील रेस्टोरेंट और तिलैया पार्क को भी बड़े स्तर पर विकसित किया जाएगा। उनका कहना है कि उद्देश्य यह है कि पर्यटक यहां दो-तीन दिन रुककर अच्छी तरह छुट्टियां मना सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि तिलैया डैम को एक टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें हजारीबाग वन प्राणी आश्रयणी, इटखोरी मंदिर, पारसनाथ और बिहार का राजगीर भी शामिल होंगे। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को और ज्यादा विकल्प और बेहतर अनुभव मिलेगा।

