Patna : जल संरक्षण और जनभागीदारी के क्षेत्र में नालंदा ने पूरे देश में अपनी खास पहचान बना ली है। जिले को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया है। आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली के प्लेनरी हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नालंदा को यह सम्मान प्रदान करेंगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नालंदा के जिलाधिकारी कुंदन कुमार दिल्ली पहुँच चुके हैं। पुरस्कार में 25 लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
नालंदा को यह सम्मान उसकी शानदार पहल जल संचय–जन भागीदारी (JSJB) 1.0 के लिए मिला है। इस अभियान के तहत जिले ने 12,051 जल-संरक्षण और भू-जल पुनर्भरण संरचनाएँ बनाई हैं, जबकि केंद्र सरकार ने पूरे देश के लिए 10,000 संरचनाओं का लक्ष्य रखा था। यानी नालंदा ने लक्ष्य से काफी ज्यादा काम कर दिखाया है।
इस सफलता की मजबूत नींव मनरेगा (MGNREGA) ने रखी। मनरेगा के तहत चेक डैम, आहर-पइन प्रणाली का सुधार, तालाबों का जीर्णोद्धार, रिचार्ज पिट, सोख्ता और ड्रेनेज सुधार जैसे कई बड़े काम हुए। इससे न सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार मिला, बल्कि स्थायी जल संरचनाएँ भी तैयार हुईं। खास तौर पर नालंदा की पारंपरिक आहर-पइन सिंचाई प्रणाली को फिर से जीवित करने में यह योजना बेहद कारगर रही।

ग्राम पंचायतों ने भी इस पूरे अभियान में अहम भूमिका निभाई। पंचायत प्रतिनिधियों ने जगह का चयन, लोगों को जागरूक करने और निगरानी जैसे काम संभाले। ग्रामीणों ने कुओं, तालाबों और पुराने जल स्रोतों को सुधारने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
शहरी इलाकों में नगर निकायों ने जोरदार प्रयास किए ड्रेनेज सुधार, तालाबों का पुनर्जीवन, जलभराव नियंत्रण और वर्षा जल-संचयन को बढ़ावा देने का काम किया। “कैच द रेन” अभियान को भी इससे जोड़ा गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें।
नालंदा की सफलता में जल–जीवन–हरियाली अभियान ने भी बड़ी भूमिका निभाई। इस अभियान ने जल-संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप दिया वृक्षारोपण, जल-निकाय संरक्षण, सिंचाई स्रोतों का पुनर्जीवन, जल-सम्मेलन, जागरण रैलियाँ और हरित संदेश यात्राएँ लगातार चलती रहीं।
इन सभी प्रयासों का असर अब जमीन पर दिख रहा है। जिले में भू-जल स्तर बढ़ा है, सिंचाई क्षमता सुधरी है और समुदाय की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक बड़े जन-आंदोलन में बदल दिया है।
आज नालंदा JSJB 1.0 का राष्ट्रीय मॉडल जिला बन चुका है। मनरेगा की मजबूती, पंचायतों की सक्रियता, नगर निकायों का योगदान और जल-जीवन-हरियाली की रणनीति इन सबने मिलकर नालंदा को यह गौरव दिलाया है।
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