Patna : पटना सहित पूरे बिहार में आज कार्तिक पूर्णिमा की धूम है। अश्विनी और भरणी नक्षत्र के साथ सिद्धि और व्यतिपात योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस पावन अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान का फल मिलता है और सभी पापों का नाश होता है।
स्नान के बाद श्रद्धालु सत्यनारायण कथा, गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप कर रहे हैं। मान्यता है कि इससे व्यक्ति पाप और ऋण से मुक्त होकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करता है।
पटना नगर निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। शहर के करीब 30 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है। बांकीपुर में 12, पाटलिपुत्र में 8, पटना सिटी में 3, अजीमाबाद में 7 और नूतन राजधानी अंचल में 1 घाट शामिल है। सभी घाटों पर एप्रोच रोड, तीन लेयर की बैरिकेडिंग, लाइटिंग और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है।

दानापुर और बिहटा के घाटों पर भी सुबह-सुबह से श्रद्धालु पहुंचे। दानापुर के नासरीगंज स्थित फक्कड़ महतो घाट सहित नारियल घाट, गुरुद्वारा घाट और शाहपुर घाट पर “हर-हर गंगे” के जयकारे गूंज रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बरसती है। इस दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
उन्होंने बताया कि इस दिन दीपदान, दान-पुण्य, हवन-जाप करने से दस यज्ञों के समान पुण्य प्राप्त होता है। अन्न, वस्त्र, धन, फल, घी और मिठाई का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
नारद पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, अर्घ्य, तर्पण, पूजन और दान करने से व्यक्ति को सद्गुणों की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु स्वयं भक्तों को पापमुक्त करते हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। नगर निगम और प्रशासन के संयुक्त प्रयास से श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्वक गंगा स्नान कर रहे हैं।

