Palamu : हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सतगांवा गांव में 27 अक्टूबर की रात हुई जस्मुद्दीन अंसारी उर्फ नावाब की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अब्दुल रमजान को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है। फरार आरोपियों के नाम मो. सैफउल्लाह और मो. ईरफान अंसारी बताये गये। अब्दुल रमजान की निशानदेही पर पुलिस नो हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार (कटार/दाबी), मृतक के खून से सना कपड़ा और मोबाइल फोन जब्त किया है। इस बात का खुलासा पलामू पुलिस कप्तान रिष्मा रमेशन ने किया है।
एसपी रिष्मा रमेशन ने मीडिया को बताया कि बीते 27 अक्टूबर की रात सतगांवा गांव के 45 वर्षीय जस्मुद्दीन अंसारी की किसी अज्ञात व्यक्ति ने तेज धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी थी। अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को इस मामले में हरिहरगंज थाना में कांड संख्या 129/2025 दर्ज की गई थी। मामला बीएनएस की धारा 103(1) के तहत दर्ज किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए हरिहरगंज थानेदार चंदन कुमार के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी टीम बनाई गई। टीम ने लगातार छापेमारी कर 2 नवंबर को हरिहरगंज बाजार से आरोपी अब्दुल रमजान (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया। वह पलामू जिले के तरहसी थाना क्षेत्र के गुरहा गांव का रहने वाला है। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस को दिये अपने बयान में उसने खुलासा किया कि जस्मुद्दीन अंसारी उर्फ नावाब की हत्या करने में दो दोस्तों मो. सैफउल्लाह और मो. ईरफान अंसारी ने भी उसका साथ दिया था। मो. सैफउल्लाह बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है। वहीं, मो. ईरफान अंसारी पलामू के सतगांवा में ही रहता है। दोनों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि जसीमुद्दीन अंसारी और इरफान अंसारी के बीच महज चार फीट रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों के बीच यह सहमति बनी थी कि घर निर्माण के लिए आठ फीट चौड़ा रास्ता छोड़ा जाएगा, जिसमें चार फीट जमीन जसीमुद्दीन और चार फीट इरफान देंगे। इरफान ने अपने घर के निर्माण के समय तय अनुसार चार फीट जगह छोड़ दी, लेकिन जसीमुद्दीन ने ऐसा नहीं किया। इसी बात पर दोनों में कहासुनी और विवाद हुआ, जिसके बाद इरफान ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली।

एसपी के अनुसार, हत्या को अंजाम देने के लिए इरफान अंसारी ने अब्दुल रमजान और बिहार के औरंगाबाद निवासी सैफुल्लाह खान को ढाई लाख रुपये की सुपारी दी थी। इसमें से 50 हजार रुपये अग्रिम रूप में दिए गए थे।
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