Chaibasa : सारंडा जंगल में 10 अक्टूबर को हुए आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा ने गुरुवार को दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनकी शहादत की खबर मिलते ही चाईबासा सहित पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। 10 अक्टूबर को चाईबासा जिले के सारंडा क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी आईईडी विस्फोट की चपेट में आ गई थी। इस विस्फोट में बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर मौके पर ही शहीद हो गए थे। इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा और एएसआई रामकृष्ण गागराई गंभीर रूप से घायल हुए थे।
राउरकेला से दिल्ली एम्स तक चला इलाज
घटना के बाद घायल इंस्पेक्टर मिश्रा को पहले राउरकेला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रेफर किया गया। लगभग तीन हफ्तों तक इलाज चलने के बाद गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। उसी विस्फोट में घायल खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के भाई सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गागराई का इलाज भी दिल्ली एम्स में चल रहा है। डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है।
साहसी और समर्पित अधिकारी थे मिश्रा
सीआरपीएफ के सूत्रों के अनुसार, इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा एक साहसी, अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे। उन्होंने हमेशा अग्रिम मोर्चे पर रहकर नक्सल विरोधी अभियानों में हिस्सा लिया। बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मिश्रा की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
सीआरपीएफ ने बताया कि शहीद इंस्पेक्टर का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक निवास लाया जाएगा। वहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल और स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
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