Johar Live Desk : अब थाने में FIR दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता को उनकी पसंदीदा भाषा में FIR की कॉपी दी जाएगी। चाहे उनकी भाषा मैथिली हो, संथाली, नेपाली या कोई अन्य, पुलिस उनकी चुनी हुई भाषा में FIR उपलब्ध कराएगी। पहले यह कॉपी केवल हिंदी, अंग्रेजी या कुछ क्षेत्रीय भाषाओं में दी जाती थी।
23 भाषाओं में उपलब्ध होगी FIR की कॉपी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के निदेशक, IPS आलोक रंजन ने बिहार सहित सभी राज्यों की पुलिस को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि थाने में शिकायत दर्ज कराने आए व्यक्ति से पूछा जाएगा कि वे FIR की कॉपी किस भाषा में चाहते हैं। इसके लिए कुल 23 भाषाओं का विकल्प होगा, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, मैथिली, संथाली, नेपाली, असमी, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू और उर्दू शामिल हैं।
बिहार पुलिस को निर्देश :
बिहार में SCRB के एडीजी ने भागलपुर सहित सभी जिलों के SP, IG और DIG को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि शिकायतकर्ता को उनकी चुनी हुई भाषा में FIR की कॉपी दी जाए।

AI तकनीक से होगा अनुवाद
NCRB ने क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (Crime-MAC) के तहत AI आधारित अनुवादक ‘भाषिणी’ विकसित किया है। यह सॉफ्टवेयर FIR की कॉपी को 23 भाषाओं में अनुवाद करेगा। थानों में पहले से मौजूद CCTNS सिस्टम के जरिए ऑनलाइन FIR दर्ज होती है। अब भाषिणी के जरिए क्राइम-मैक साइट पर उपलब्ध भाषा विकल्पों में से किसी एक को चुनकर FIR का अनुवाद किया जाएगा। इसके बाद उसका प्रिंटआउट शिकायतकर्ता को दे दिया जाएगा।
Also Read : बिहार चुनाव 2025 : सीट बंटवारे पर महागठबंधन में गतिरोध, CPI ने कल बुलाई बैठक