Patna : केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA में सीट बंटवारे पर अपनी राय साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के सामने अपनी मांगें रख दी हैं। HAM को इतनी सीटें चाहिएं कि वह राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन सके। मांझी ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री जैसे पदों की कोई चाहत नहीं है। उनका मुख्य लक्ष्य पार्टी को मजबूत बनाना और राष्ट्रीय मान्यता दिलाना है।
सीटें न मिलीं तो क्या?
मांझी ने स्पष्ट कहा कि अगर पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं, तो HAM बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। उन्होंने इसे मजबूरी नहीं, बल्कि रणनीतिक फैसला बताया। उनका फोकस पार्टी का विस्तार और संगठनिक मजबूती पर है। मांझी ने कहा, “चुनाव लड़ने का मकसद सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि पार्टी को स्थायी पहचान देना है।” अगर भाजपा मांगें पूरी न करे, तो HAM गठबंधन में बनी रहेगी, लेकिन उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
ट्वीट में कविता से संदेश
मांझी ने ट्वीट कर अपनी बात कही: “हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे।” इससे उनकी पार्टी की मांगों पर दृढ़ता साफ झलकती है।

राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा
मांझी ने बताया कि HAM का लक्ष्य सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। उन्हें पर्याप्त सीटें मिलनी चाहिएं ताकि पार्टी का आधार मजबूत हो और राष्ट्रीय राजनीति में जगह बन सके। उन्होंने कहा कि छोटे दल भी अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए मजबूत फैसले ले सकते हैं। गठबंधन से अलग होने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन संगठनिक विकास पहले है।